30 हजार की लालच में एमवाय के डॉक्टर मरीजों को भेज रहे है इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल
आयुष्मान मरीजों को लेकर अब सुरेश भदौरिया का एक ओर फर्जीवाड़ा सामने आया

इंदौर। शहर के सबसे ज्यादा बदनाम अस्पताल और कॉलेज प्रबंधन को एमवाय के कुछ डॉक्टर अपने थोड़े से लाभ के लिए मरीजों के साथ खिलवाड़ करते रहते हैं। इंदौर और मप्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाय में डॉक्टरों के कट प्रैक्टिस का खेल चल रहा है। चूहाकांड के बाद एमवाय में यह शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसमें एक डॉक्टर पर प्रबंधन द्वारा कार्रवाई की गई है। डॉक्टर द्वारा मरीज को सीबीआई और ईडी जांच के आरोपी सुरेश भदौरिया के इंडेक्स अस्पताल में भेजा गया। इन मरीजों का आयुष्मान योजना में फिर वहां उपचार होता है और निजी अस्पताल प्रबंधन की जेब में इसका पैसा जाता है। मामला इंदौर एमवाय अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग से जुड़ा है।
यहां के एक डॉक्टर द्वारा मरीज मरीज को लाम (मेडिकल सलाह के विरुद्ध छुट्टी होना) कर इंडेक्स अस्पताल भेजने का मामला सामने आया है। यह मामला तब खुला जब मरीज ने खुद इसकी शिकायत की। मरीज ने बताया कि कि रातभर जमीन पर बिना इलाज के रखा और सुबह डॉक्टर ने निजी अस्पताल में जाने के लिए कहा। शिकायत के बाद डॉक्टर का 15 दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई है।
मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोटिया ने कहा कि लामा टोकने के प्रयास हो रहे है, हाल ही में एक डॉक्टर पर कार्रवाई की है। एक कमेटी बनाई है जो लामा केस के मरीजों का रिव्यू करेगी। जानकारी के अनुसार मरीज के इस धंधे में कट प्रैक्टिस के नाम पर मरीज के बनने वाले बिल में 10 फीसदी कमीशन दिया जाता है। जैसे यदि निजी अस्पताल में मरीज का तीन लाख का बिल बना तो संबंधित डॉक्टर को 30 हजार मिलेगा। आयुष्मान योजना के नाम पर यह खेल और तेज हो गया है। एमवायएच अस्पताल में आने वाले मरीज को कुछ डॉक्टर और स्टाफ द्वारा यह कहा जाता है कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अच्छा इलाज मिलेगा और आयुष्मान के तहत फ्री भी होगा। हालत यह है कि एमवाय के अंदर ही मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस गैंग भी सक्रिय रहती है।
एक साल पहले इस गैंग का खुलासा हुआ था तब दीपक वर्मा को पकड़ा भी था। विवाद होने पर निजी एंबुलेंस को एमवाय में पार्किंग पर टोक लगी थी लेकिन अभी भी इनका आना लगा रहता है। पिछले दिनों इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के मुखिया सुरेश भदौरिया पर अपराधिक मामला भी दर्ज किया जा चुका है। इस कॉलेज अस्पताल में मरीजों के साथ जालसाजी और हेराफेरी का काम भी किया जाता है।