गुस्ताखी माफ़- क्षेत्र क्रमांक 5 के नए कलन्दर…भाजपा के मुंह पर मिश्रा के बोर्ड पर कालिख…

क्षेत्र क्रमांक 5 के नए कलन्दर…
भाजपा की प्रदेश ईकाई में इंदौर के जिन नेताओं को जगह मिली है उसमे पूरी तरह से हित के आनंद की अहम भूमिका रही है। दूसरी ओर नियुक्ति की पहले की परिक्रमाएं भी चर्चा का विषय संगठन के गलियारे से निकलकर कार्यकर्ताओं तक पहुंचने लगी है। इसके पहले भगत की भक्ति के प्रभाव के कारण पदों पर विराजित होने का अवसर मिला था। इसके बाद फिर नये सिरे से राजनीतिक जीवन शुरु करने का श्रेय हित के आनंद की परिक्रमा से ही मिला है। दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि इनमे से एक दिल्ली में सुनिल बंसल के संबंधों का लाभ भी अपनी नियुक्ति में ले चुके हैं।हालांकि पूरी कार्यकारिणी में सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में हितानंद शर्मा के समर्थक ही रहे है। वीडी शर्मा और नरेंद्रसिंह तोमर पूरी तरह खाली हाथ ही रहे $है। इधर मुख्यमंत्री के साथ समन्वय का लाभ भी उनके समर्थकों को मिला है। नई कार्यकारिणी में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समर्थकों को भी जगह नहीं मिल पाई है। चूंकि हितानंद विद्याभारती में आचार्य रह चुके है और निशांत खरे भी इसी संगठन से आते है इसलिए वे भी जगह बनाने में सफल हो गये। कार्यकर्ताओं का मानना है कि भाजपा में अब परिक्रमाओं का दौर कांग्रेस की तर्ज पर शुरु हो गया है। पहले संस्कारों वाली पार्टी में खुद घर तक निमंत्रण आता था। वापसी के बाद पूूरे शहर में होर्डिंग और ताकत दिखाने का अभियान चल रहा है। अब तक शहर के नामी गिरामी माफिया 50 लाख से ज्यादा भैय्या पर न्योछावर कर चुके है। संकेत दे रहे है क्षेत्र क्रमांक 5 के नये कलन्दर हम ही होगें।
चूहों का जलवा…
इन दिनों जहां स्वच्छता का तमगा हो या विमानतल पर दी जाने वाली सुविधाओं का राष्ट्रीय स्तर पर भरपूर पहचान कायम हो रही थी परंतु चूहों ने जहां इंदौर के एमवाय का चरित्र बिगाड़ कर रख दिया दो बच्चों के चूहों के कुतरने के बाद मृत्यु होने से देशभर में बदनामी का ठीकरा फूटा तो इधर इंदौर का एयरपोर्ट एक रेकिंग चूहों के कारण पीछे खसक गया।
भाजपा के मुंह पर मिश्रा के बोर्ड पर कालिख…
अंतत: पं. सुमित मिश्रा की नगर कार्यकारिणी का गठन हो ही गया। इस बार भी ईकाई पर रमेश मेंदोला की छांव जमकर दिखी जहां उनके सबसे करीबी हरप्रीत बक्क्षी को उपाध्यक्ष बनाया गया वहीं एक पद सत्तनगुरु भी अपने शिष्य के लिए लूट लाए। कैलाश विजयवर्गीय के क्षेत्र में मोहन यादव के कोटे से भी एक नियुक्ति गुलशन यादव की हो गई। मोहन जी के सबसे करीबी वहीं रहे है। इसके अलावा सांसद शंकर लालवानी भी मंत्री का एक पद लूटने में सफल रहे वे इस पद पर कंचन गिदवानी को नियुक्ति दिला पाये। हालांकि उन्होंने चार नाम दिए थे। सबसे ज्यादा चर्चित नाम श्रीमती स्वाती काशिद का रहा जिन्होंने पिछली बार पार्षद चुनाव में विवाद के बाद अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। इसके अलावा कुछ नाम परिक्रमा के आधार पर भी पद पाने में सफल रहे इसमे आकाश गर्ग रानू, रितेश शर्मा और बंसल का नाम भी शामिल है। नई कार्यकारिणी में ज्योति बाबू द्वारा दिल्ली में दिये गये नामों में से एक भी नाम नहीं आ सका केवल एक नियुक्ति को करवाने में तुलसी पेलवान सफल हो पाये यह नियुक्ति अजय शर्मा पप्पू की रही जो मंत्री के पद पर विराजित हुए हैं। महापौर भी भरत पारख को नियुक्ति दिलाने में सफल रहे सबसे ज्यादा महाभारत चार नंबर क्षेत्र में ही नियुक्तियों को लेकर होती रही इधर दादा दयालु अपने तमाम समर्थकों को जगह दिलाने में सफल रहे वैसे भी पूरी कार्यकारिणी में दादा दयालु की ही बंसी बजती दिखाई दे रही है। इस बार नई कार्यकारिणी में एक नियुक्ति चौकाने वाली रही वह रही श्रीमती डॉ. दिप्ती हाड़ा की, दिप्ती हाड़ा इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की जनसंपर्क अधिकारी भी है और दादा दयालु के कोटे में भी वे नगर कार्यकारिणी में आ पाई है। वहीं इस बार अपने खास सखा बाबी छाबड़ा के खासमखास को भी जगह दिला दी है। कई ऐसे भी रहे जो इस बार जगह नहीं बना पाये। इस बार एक व्यक्ति एक पद वाला सिद्धांत नई कार्यकारिणी में निचोड़ कर रख दिया है। इधर कल भाजपा कार्यालय में पहली बार कालिख भाजपा के मुंह पर और सुमित मिश्रा के नाम पर पोती गई। उन्होंने इसका ठीकरा कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं पर फोड़ दिया है। थोड़ा काम और करके इन विभीषणों के नाम भी बता देते तो उनकी इज्जत में चार चांद और लग जाते।
