Big News: कल से देश में इलेक्ट्रिक मोटरों का उत्पादन बंद
नए विकल्प बेहद महंगे, कई कंपनियों ने काम बंद करना शुरू किया

नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। देश में इलेक्ट्रिक मोटर बनाने वाली कम्पनियों ने 31 जुलाई से ईवी कम्पनियों को मोटर की सप्लाय करने से इंकार कर दिया है। इसके चलते देश में चल रहे ईवी उद्योग अब नए वाहन का उत्पादन नहीं कर पाएंगे। चीन द्वारा भारत में बनने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल की मोटर में लगने वाले रेयर अर्थ का सप्लाय रोक दिया है। सरकार के पास फिलहाल इसका कोई विकल्प नहीं होने से अब कारो से लेकर दो पहिया, तीन पहिया वाहनों के उत्पादन पर इसका बुरा असर देखने को मिलेगा। वहीं त्योहारों के समय इनकी कीमतें पांच हजार रुपए तक ज्यादा जा सकती है।
चीन द्वारा भारत में तेजी से ब ढ़ रहे इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग का गला दबाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। इसी के साथ ही चीन ने ईवी उद्योग में बनने वाली मोटरों के लिए लगने वाले रेयर अर्थ मेटल का निर्यात रोक दिया है। जो जहाज इसे लेकर रवाना होने वाले थे उन्हें भी खड़ा कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत के ईवी उद्योग 55 अरब डॉलर के पार जा चुका था। दुनिया में भारत तीसरे नंबर पर ईवी वाहनों का उत्पादन करने लगा था। अब चीन द्वारा रेयर अर्थ के निर्यात पर कड़े कदम उठाने जाने के बाद भारत की कम्पनियों पर इसका बुरा असर दिखाई देने लगा है। कई कम्पनियों ने अपने यहां उत्पादन बंद करना शुरू किया है। वहीं कुछ कम्पनियों के पास अभी कुछ ही दिनों का रेयर अर्थ मेटल बचा हुआ है, जिससे अगले 15 दिन और इलेक्ट्रिक मोटरें बनाई जा सकेगी। दूसरी ओर कम्पनियों को इलेक्ट्रिक मोटर का निर्माण कर सप्लाय करने वाली कम्पनियों ने 31 जुलाई 2025 के बाद इसके सप्लाय बंद करने के पत्र जारी कर दिए हैं।
दूसरी ओर यदि विदेशों से इलेक्ट्रिक मोटर का आयात किया जाएगा तो इस पर 15 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी देनी होगी जिससे वाहनों की कीमत 5 से 10 हजार रुपए तक बढ़ जाएगी। वहीं अन्य व्हीकल भी बेहद मंहगे होने से इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कम्पनियों ने अब इसका उत्पादन बंद करना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर सरकार की पीएलआई स्कीम के तहत इन इलेक्ट्रिकल वाहनों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि भी नहीं मिल पा रही है। इससे भी कंपनियों पर अब इसका असर और दिखाई देने लगा है। इधर त्यौहारों के आने पर ईवी वाहनों की मांग बढऩा तय था। दूसरी ओर सरकार द्वारा बताए गए विकल्प बेहद महंगे साबित हो रहे हैं। क्योंकि इलेक्ट्रिक मोटर के आयात से इन्हें खरीदने वालों की क्षमता से बाहर हो जाएगी। वहीं भारत में ई-व्हीकल बना रही चीन की कंपनियों हीरो और ओकिनावा को सरकार ने टैक्स चोरी के मामले में जांच के दायरे में ले रखा है। यहां से चीन ने अपने इंजीनियरों को वापस बुला लिया है। Production of electric motors stopped