मंत्री की मेहरबानी से भ्रष्ट अधिकारी मलाईदार पदों पर वापस पदस्थ

पूरे शहर में बिजली मेंटनेस के नाम पर आधी रात हो रहा है कई क्षेत्रों में अंधेरा

इंदौर। एक ओर जहां पूरे शहर में बिजली मेन्टेेंनेंस के नाम पर घंटों बिजली बंद रखी जा रही है, वहीं कंपनी के ही बड़े अधिकारियों का कहना है कि पिछले पांच सालों से कंपनी ने किसी भी प्रकार का मेन्टेनेंस शहर में नहीं किया है। जबकि हर साल मेन्टेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए दिखाए गए हंै। इस मामले में बिजली विभाग में पदस्थ रही सीएमडी रजनी सिंह को कंपनी के ही भ्रष्ट अधिकारियों ने मंत्री से सांठगांठ कर शहर से रवाना कर दिया। जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार और हेराफेरी के आरोप में निलम्बित किया गया था, वे एक बार फिर मलाईदार पदों पर वापस आ गए हैं। इन सभी को वापस लाने में सांवेर के विधायक और मंत्री तुलसी सिलावट की अहम भूमिका है।

इधर, पूरा शहर मेन्टेनेंस के अभाव में बड़े हादसे के लिए तैयार हो चुका है। अगले दो माह शहर के लोगों को हर दिनरात में दिग्विजयसिंह का कार्यकाल की याद इंदौर में पदस्थ अधिकारी दिलाते रहे हैं। इस समय पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सर्वाधिक भ्रष्ट अधिकारियों भरी पड़ी है। यहां पदस्थ अधिकारी हटने के लिए तैयार नहीं हंै। उल्लेखनीय है कि पिछले समय जब यहां सीएमडी के पद पर रजनीसिंह की नियुक्ति हुर्ई थी। उन्होंने दो महीने में ही यहां के कई घोटाले और भ्रष्टाचार देखने के बाद लगभग 10 अधिकारियों को निलम्बित कर दिया था, इसमें डिवीजनल इंजीनियर से लेकर असिसटेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर भी शामिल थे। इन अधिकारियों को वह वापस पदस्थ करने के लिए तैयार नहीं थी। इस दौरान भी मंत्री तुलसी सिलावट ने इनकी वापसी और निलम्बन समाप्त करने को लेकर भारी दबाव बनाया था।

इसके चलते जब वह तैयार नहीं हुई तो चार माह में उन्हें ही हटना पड़ा। यह इस बात का घोतक है कि यहां पर पदस्थ इंजीनियर भ्रष्टाचार के पैसे कहां तक पहुंचा रहे हैं। उनके हटने के बाद एक बार फिर सभी भ्रष्ट इंजीनियर मलाईदरों पर वापस पहुंच गए हैं। जिस इंजीनियर को सुभाष चौक से सस्पेंड किया था उसकी पदस्थापना भी उसी जगह हो गई। इस मामले में कंपनी के ही अधिकारियों का कहना है कि पिछले पांच साल से किसी भी प्रकार का मेन्टनेंस नहीं किया गया। इसके चलते तमाम झाड़ और पेड़ बिजली के तारों के संपर्क में आ गए हैं। इधर एक बार फिर मेन्टेनेंस के नाम पर बड़ी राशि खर्च की जा रही है। हर दिनरात में लगभग 15 से 20 क्षेत्रों में बिजली जा रही है। इसका समय आधे घंटे से लेकर दो घंटे तक हो रहा है। इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने के लिए तैयार नहीं है। यहीं पर पदस्थ एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि इंदौर मे अभी तो बिजली समस्या शुरू ही नहीं हुई है। लाइनें इतनी बढ़ गई है कि इन्हें संभालने के लिए स्टाफ भी नहीं बचा है। दूसरी ओर शहर के तमाम बड़े नेता अब अपने घरों में इन्वर्टर लगवा चुके हैं। इसलिए उन्हें बिजली जाने और आने के बारे में कोई जानकारी नहीं हो पा रही है। कंपनी के ही एक अधिकारी ने यह दावा किया है कि अगले पांच सालों में इस शहर की बिजली लाइनें पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। रात को शहरभर में खंभों पर लगे जम्फर लाल हो रहे हैं, कोई देखने वाला नहीे है। जो भी अधिकारी इंदौर में पदस्थ हो रहा है, वह केवल पैसे कमाने और नेताओं को लूटाने के लिए काम कर रहा है। 6 -6 महीने से ज्यादा कनेक्शन के नाम पर फाइलें रोककर रखने का खेल भी अधिकारी खेल रहे हैं और यह सब वही अधिकारी है, जो मंत्री तुलसी सिलावट के झंडे तले यहां पर बने हुए हैं। कोई भी सीएमडी आता है तो पहले इन्हीं को दंडवत करना पड़ता है और अभी भी नए सीएमडी इन्हीं भ्रष्ट अधिकारियों के आसरे ही अपनी दुकान चला रहे हैं। अगले दो माह में हर क्षेत्र में अब लोग मोहन यादव के कार्यकाल को दिग्विजयिसंह के कार्यकाल से मिलाने लगे हैं।

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