35 अवैध कॉलोनियों पर चलेगा निगम का बुल्डोजर
भूमाफिया दहशत में, रसूखदार भी काट रहे हैं कॉलोनी

इन्दौर। प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को लेकर सरकार ने पिछले दिनों कहा था कि अब कोई भी कॉलोनी वैध नहीं की जाएगी वहीं धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। जिले सहित शहरी इलाके में भूमाफिया और रसूखदार निजी, सरकारी जमीन पर प्लॉट काट रहे हैं। नगर निगम द्वारा अब शिकायत व जांच के बाद 35 से अधिक कॉलोनियों में बुल्डोजर चलाया जाएगा। यहां पहले नोटिस दिये जाएंगे और सही जवाब न आने के बाद रिमूवल कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अधिकांश जगह पहले ही पंचनामें बनाकर एफआईआर भी करवाई जा चुकी है। प्रशासन, पुलिस के साथ मिलकर निगम कार्रवाई करेगा।
पूरे शहर में वर्षों से नियमों को ताक पर रखकर राजनीतिक संरक्षण के बीच भूमाफिया अवैध कॉलोनी काट रहे हैं। बताया गया है कि कई पार्षद भी अवैध कॉलोनी के धंधे में शामिल हैं। इधर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने संकेत दिये हैं कि जल्द ही अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया जाएगा। 35 से अधिक कॉलोनियेां के मामले मेंं दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद एफआईआर करवाई गई है और पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शहर में अवैध कॉलोनी बसाने वालों और भोले भाले लोगों को घर का सपना दिखाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। illegal colony
लोग अपनी जिंदगीभर की कमाई अवैध कॉलोनी में प्लॉट खरीदने में लगा देते हैं और फिर कार्रवाई हो जाती है जिससे लोगों का पैसा डूब जाता है क्योंकि कॉलोनी काटने वाला व्यक्ति पैसा वापस नहीं करता है और वर्षों तक लोगों को परेशान करता रहता है। निगम के अलावा जिला प्रशासन भी अवैध कॉलोनी के मामले में कार्रवाई कर रहा है। कॉलोनी सेल में शिकायतों पर लगातार काम किया जा रहा है। निगम में करीब 20 शिकायतें दर्ज हैं। यहां एफआईआर के लिए कई झोन के तहत थाने पर पत्र भी भेजा गया है। भागीरथपुरा में अवैध कॉलोनी के मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। illegal colony list indore
इन क्षेत्रों मे सबसे अधिक अवैध कॉलोनी
शहर में जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक अवैध कॉलोनी काटी गई हैं या अभी भी कट रही हैं उनमें सांवेर रोड, नंदबाग, भागीरथपुरा, अरबिंदों, एमआर 10, खंडवा रोड, राऊ, देवास नाका, मांगलिया, सिरपुर, चंदन नगर, धार रोड, राजेंद्र नगर, खजराना जैसे क्षेत्र शामिल हैं। करीब 900 अवैध कॉलोनियां शहर में बसी हैं। निगम ने कुछ साल पहले अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की थी मगर अब यह मामला भी रूका हुआ है।