बैंकों ने एक साल में 17 खरब रुपए बट्टे खाते में डाले
580 विशिष्ठ उद्योगपतियों के 50 करोड़ कर्ज का 15 प्रतिशत ही मिला
नई दिल्ली (ब्यूरो)। सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में कितनी तेजी से रुपया डूबत में जा रहा है, यह खबर बता रही है। लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में बैंकों का 17 खबर रुपया बट्टे खाते में डाल दिया गया है, यानी इस पैसे की वापसी संभव नहीं दिखाई दे रही है। प्रायवेट बैंकों में भी इस बार बड़ी राशि डूबत खाते में डाली गई है।
उद्योगपतियों को दिए गए कर्ज की वापसी के लिए बैंकों द्वारा दिए गए हेयरकट (रियायत) में 85 प्रतिशत तक छूट दी गई है। 50 करोड़ से ज्यादा का कर्ज उठाने वाले 580 कारोबारियों से पैसे की वसूली में केवल 15 प्रतिशत ही पैसा बैंकों को वापस मिल पाया है। सदन में बताया गया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 30 सितंबर तक 3.16 ट्रिलियन रुपये थीं, जो बट्टे खाते में डाली गई है। यह बकाया ऋणों का 3.09 प्रतिशत है।
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वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर, 2024 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए क्रमश: 3,16,331 करोड़ रुपये और 1,34,339 करोड़ रुपये था। इसके अलावा, बकाया ऋण के प्रतिशत के रूप में सकल एनपीए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 3.09 प्रतिशत और निजी क्षेत्र के बैंकों में 1.86 प्रतिशत था। चौधरी ने आगे कहा कि 31 मार्च, 2024 तक 580 विशिष्ट उधारकर्ताओं (व्यक्तियों और विदेशी उधारकर्ताओं को छोड़कर), जिनमें से प्रत्येक का ऋण बकाया 50 करोड़ रुपये से अधिक है, को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा इरादतन चूककर्ता के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
लोकसभा में बताया गया कि वित्त वर्ष 2023-24 में 1.7 ट्रिलियन रुपये (17 खरब रुपये) के कर्ज बट्टे खाते (राइट-ऑफ) में डाले गए थे। पांच वर्षों में बट्टे खाते में डाले गए कर्ज की सबसे कम राशि है। वित्तीय वर्ष 2023 में बैंकों ने 2.08 ट्रिलियन रुपये बट्टे खाते में डाले थे। सरकारी बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक ने सबसे अधिक 18,317 करोड़ रुपये के लोन बट्टे खाते में डाले, इसके बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 18,264 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक ने 16,161 करोड़ रुपये के लोन राइट-ऑफ किए. निजी क्षेत्र के बैंकों में एचडीएफसी बैंक 11,030 करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले। Banks wrote off Rs 17 trillion in one year