BIG NEWS: कर्ज नहीं चुकाने वालों का पूरे खानदान होगा ब्लेकलिस्ट
रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने कर्ज दायरे में शामिल किया

मुंबई (ब्यूरो)। रिजर्व बैंक ने अब अपने पुराने आदेश को वापस लेते हुए जान बुझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों के खिलाफ बड़े कदम उठाने की तैयारी करते हुए 31 अक्टूबर तक डिफाल्टरों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए सभी बैंकों को कहा है।
इसमें सरकारी बैंक के साथ को-ऑपरेटिव बैंक और अन्य बैंक भी शामिल किए गए हैं। अब ऐसे कर्जदारों को भविष्य में बैंक कोई कर्ज नहीं देगी। साथ ही उनके परिवारों के सदस्यों को भी कहीं से कर्ज नहीं मिलेगा। क्रेडिट कार्ड भी उन्हें नहीं मिल पाएंगे।
रिजर्व बैंक ने अब जान बुझकर बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने वाले और एक बैंक से कर्ज लेने के बाद दूसरी बैंक से कर्ज लेने की तैयारी करने वालों के खिलाफ अब नियमों में भारी बदलाव करते हुए कई सुधार के प्रस्ताव किए हैं।
इसके पूर्व रिजर्व बैंक ने अपने पुराने आदेश में यह कहा था कि जिन लोगों ने बैंकों के कर्ज नहीं चुकाए हैं, बैंक अगर चाहे तो उन्हें नए कर्ज दे सकती है, परंतु अब नए प्रावधान के तहत रिजर्व बैंक ने अपने दायरे में सभी को शामिल करते हुए सरकारी बैंकों के अलावा निजी बैंकों, को-ऑपरेटिव बैंकों को भी एक जगह करते हुए तीन माह के अंदर डिफाल्टरों को बताने के लिए निर्देशित किया है।
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31 अक्टूबर तक बैंकों के नियम बदले जाने हैं और इसमें नए नियमों में जो प्रस्ताव बने हैं उसके अंतर्गत जो लोग बैंकों के कर्ज नहीं चुका रहे हैं अब उनके परिवारों को भी भविष्य में किसी भी बैंक से कर्ज नहीं मिलेगा।
इसमें शिक्षा के कर्ज सहित वाहन या अन्य कर्ज तो नहीं मिलेंगे साथ ही क्रेडिट कार्ड भी ब्लाक हो जाएंगे। कर्ज चाहे किसी भी बैंक से लिया हो। दूसरी ओर ऐसे लोग भी निशाने पर रहेंगे जो एक बैंक से कर्ज लेकर अन्य कंपनी में शामिल होकर दूसरी बैंकों से भी कर्ज उठाने का प्रयास करते रहे हैं।
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जान बुझकर कर्ज लेकर कर्ज नहीं चुकाने वाले कई मामलों में उच्चतम न्यायालय में भी प्रकरणों की सुनवाई चल रही है।
कई जगहों पर कारोबारियों ने दिवालिया कानून का भी सहारा लिया है। वहीं उनके परिवारजन अन्य नामों से बैंकों से कर्ज उठाकर अपना काम चला रहा है। अब नए प्रावधान में एक परिवार से जुड़े किसी भी सदस्य को बैंक कर्ज नहीं लेने देगी।इसको लेकर 31 अक्टूबर तक सभी बैंकों से रिजर्व बैंक ने सुझाव मांगे हैं।