सुलेमानी चाय: दो हाथों में तीन लड्डू….मोर्चे के खिलाफ मोर्चा….भाजापा के अल्पसंख्यक नेताओ की फाइल उलझी…

सुलेमानी चाय

दो हाथों में तीन लड्डू

सुलेमानी चाय: दो हाथों में तीन लड्डू....मोर्चे के खिलाफ मोर्चा....भाजापा के अल्पसंख्यक नेताओ की फाइल उलझी...

सनवर पटेल सिफ़र् नाम के डॉक्टर नहीं है, वे भरपूर डॉक्टरी भी करते हैं, इसी के साथ हर विभाग की सर्जरी के औजार साथ रखते है। इंजेक्शन तो साहब का सबसे पसंदीदा हथियार मतलब औजार है। वकील ओर कोर्ट से तो साहब के साथ साथ अर्रे छर्रे भी चमकते रहते है, फिलहाल वक्फ की जिम्मेदारी एक कंधे पर तो हज कमेटी की दूसरे कंधे पर लिए घूम रहे है। साहब के हज के तजुर्बे से भी रफत को राहत भी मिल रही है। हज कमेटी की पहली बैठक में रफत के साथ सनवर भी थे ओर अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रहे थे, मोर्चा अध्यक्ष पद से हटे थे, तब भी डॉ. सनव्वर मोर्चा का संचालन कर रहे थे। वजह नए अध्यक्ष रफत साहब को काम करने की फुर्सत नही थी, हज कमेटी से हटने के बाद भी डॉ. सनव्वर के हाथों हज की बागडोर है। फिलहाल हज की तैयारी चल रही है, लेकिन रफत साहब बीमारी के साथ छुट्टी पर है। वक्फ में भी कमेटियां बनाना है जिसमे सिर्फ काबलियत का ही सिक्का चलेगा। सूत्रों के मुताबिक कानांफुसी चल रही है कि लोगों के दोनों हाथों में लड्डू होते हैं, लेकिन किस्मत के धनी सनव्वर दो हाथों में तीन-चार लडडू भी रख सकते है।

मोर्चे के खिलाफ मोर्चा

सैटिंग, जुगाड के साथ कई,, कारगुजा़रियो में माहिर मोर्चे के नगर सेठ अल्पसंखयक राजनीति में लगातार गच्चा खा रहे हैं, ना अवाम की नफ़्ज टटोल पा रहे है ना संगठन में कुछ कर पा रहे हैं, बस अपनी ही कार गुजारी में मस्त है। हुआ यूं कि पिछले दिनों मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के इन्दौर आने पर पठान एंड कम्पनी ने उन्हें हाथो हाथ लपक लिया, ओर जैसे ही फोटोसेशन वाइरल हुए तो साहब ने हरिरामो को काम सौंपा पता चला साहब निजी प्रोग्राम में उज्जैन है। एक प_े को फरारी के साथ रवाना कर दिया, लेकिन सिद्दीकी साहब ने फरारी की सवारी से इनकार कर दिया,आखिर में नगर अध्यक्ष साहब को एयरपोर्ट छोड़ने के लिये मोर्चे के लाओ लश्कर के साथ पहुचे, जिसमे दो चार लोग ही शामिल थे, लेकिन वहां भी जमाल अपना कमाल दिखा गए, साहब नगर सेठ के आने से पहले ही जमाल अंदर हो लिए, ओर अगली बार मिलने का बहाना बना गए, जिससे एक बात जाहिर है शहर में मोर्चे के खिलाफ भी मोर्चा खुला हुवा है।

भाजापा के अल्पसंख्यक नेताओ की फाइल उलझी…

Óद केरला स्टोरीÓ फिल्म को लेकर जहां बीजेपी खूब प्रचार प्रसार में लगी हुई है, और लगभग हर मोर्चा फ़िल्म दिखाने में लगा हुवा है ,वही अल्पसंख्यक मोर्चा इस मसले पर बात तक नही करना चाहता, ओर बेचारे दूसरे मुस्लिम नेता तो बस इशारे में ही हाथ की घड़ी ओर मुंह पर उंगली दिखा कर सब कुछ कह जाते है ,इसी के साथ ठ्ठह्म्ष् में भी कइयों ने भजापा को अलविदा कह दिया था, लेकिन जब कोई दर नही मिला तो लौट के बुद्धू वापस भजापा में आ गए थे, लेकिन पार्टी भी जब देखो तब इनकी जान आफत में डाल देती है। ओर बेचारो के दिल से यही निकलता है ,ऐसी हर फाइल से हमारी फाइल जरूर उलझ जाती है।

नफरतों के बाजार में, काफिला मोहब्बत का…

शहर में फैल रही नफरतों की फिज़ाओ में मोहब्बत की खुशबू घोलने वाले भी कम नहीं। इसी के तहत पिछले दिनों सलीम अंसारी ओर अम्मार अंसारी ने सयाजी में काबिले तारीफ दस्तरख्वान सजाया जिसमे सभी ने मोहब्बत की बात की, कांग्रेस, भजापा ,के साथ शहर की सभी मकबूल शख्शियत कार्यक्रम में मौजूद रही, संचालन खान के हाथों था जिसकी हिदायत पर सभी ने अमल किया कैसे नहीं करते बड़े खान अल्फाज़ो को भी भिगो भिगो के पेश करने का हुनर जानते है। ज़ाहिद खान भी दिल तक बात पहुचाने का हुनर जानते है, एहमद निसार की शायरी लाजवाब रही, कुल जमा खर्च इस बार का सुलेमानी सलाम सलीम और अम्मर अंसारी के नाम…

9977862299

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