कान्ह नदी का गंदा पानी गऊघाट जा पहुंचा, नहा रहे श्रद्धालुओं को भागना पड़ा…

इंदौर। लंबे समय से कान्ह नदी का गंदा पानी त्रिवेणी के पहले बनाये गये स्टाप डेम पर भर रहा था। भयानक गंदगी से भरपूर यह पानी मंगलवार को मिट्टी का पाला लांघ कर ओवर फ्लो हुआ कान्ह नदी का दूषित पानी बुधवार को त्रिवेणी क्षेत्र में पूरी क्षिप्रा में फैल गया था। शुक्रवार को यह गऊघाट तक जा पहुंचा और यहां का पानी भी खराब और काला कर दिया। पानी में बदबू के कारण त्रिवेणी पर स्नान करने वाले भी नहीं उतरे। इसके बाद गऊघाट स्टॉप डेम पर ओवर फ्लो रोकने के लिए स्टॉप डेम के गेट खोले गए।

Kanh Riverकरीब 100 करोड़ रुपए खर्च के बावजूद कान्ह डायवर्सन योजना काम नहीं आ रही है। जब-जब कान्ह नदी ओवर फ्लो होती है तो यह इंदौर तथा देवास की फैक्ट्रियों का केमीकल युक्त और जहरीला दूषित पानी क्षिप्रा में छोडऩे लगती है। सबसे पहले त्रिवेणी क्षेत्र में कान्ह नदी क्षिप्रा को प्रदूषित करना शुरू कर देती है। इसके बाद यह पानी गऊघाट, नृसिंह घाट होता हुआ रामघाट तक पहुंच जाता है। इस तरह कान्ह नदी का दूषित और जहरीला पानी आगे कालियादेह महल तक बढ़ता रहता है।

हालांकि इस पानी को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा त्रिवेणी स्टॉप डेम से पहले कान्ह तथा क्ष्रिप्रा नदी के बीच मिट्टी का अस्थाई बांध बनाया जाता है। यह भी कान्ह नदी के ओवर फ्लो होने पर हमेशा टूटकर बह जाता है।

यही स्थिति तीन दिन पहले मंगलवार दोपहर त्रिवेणी क्षेत्र में बनी थी। ओवर फ्लो होने के कारण कान्ह नदी का दूषित पानी मिट्टी के बांध को लांघकर से त्रिवेणी स्टॉप डेम तक पहुंच गया था। यह स्टॉप डेम भी ओवर फ्लो होकर बहने लगा था। इसके कारण त्रिवेणी क्षेत्र में सूख चुकी शिप्रा नदी का जलस्तर कान्ह नदी के दूषित और काले पानी से बढ़ गया था।

इंदौर नगर निगम का यह कार्य फ्लाप रहा

फैल हो चुकी 100 करोड़ी कान्ह डायवर्शन योजना के कारण सिंहस्थ 2016 के बाद से जब-जब ओवर फ्लो होकर कान्ह नदी पूरी क्षिप्रा के पानी को जहरीला और दूषित करती है। तब-तब पीएचई और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का इसे लेकर यही जवाब होता है कि उनके पास इस समस्या का कोई निदान नहीं है। इंदौर नगर निगम कान्ह नदी की स्वच्छता पर अरबो रुपये खर्च कर चुकी है। इसके बाद भी नदी की स्थिति वहीं के वहीं बनी हुई है।

 

Source – AV

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