सुलेमानी चाय: रफत को पसंद है रफ्तार वाली गाड़ी…गुरु गुड़ और चेला शकर…कोठारी को मिली ईदी…
रफत को पसंद है रफ्तार वाली गाड़ी…
हज कमेटी के नए नवेले दूल्हे राजा को इंदौर की बड़ी बड़ी गाड़ियों का बड़ा शौक है, तभी तो साहब हमेशा जमीनी कार्यकर्ताओ को नजर अंदाज कर बड़ी गाड़ियों में सवार हो जाते हैं। हाल ही में साहब जिला हज कमेटी के लिए बड़ी गाड़ी वाले पुराने कोंग्रेसी जिन्हें बीजेपी के पद पर सबसे ज्यादा बधाई कांग्रेसी नम्बरों से आ रही है। साल भर पहले राशिद शेख साहब ने बीजेपी का लड्डू खाया है, खाते ही साहब पंचायत चुनाव में कूद पड़े और 70, वोट लाकर बीजेपी का सीना 56 इंच का कर बैठे। इसी के साथ मोर्चे में भी रफत को रफ्तार वाली गाड़ी ही पसंद थी, जिसमे शेख असलम, नासिर राजे, नासिर शाह सभी को साहब ने अच्छे पदों से नवाजा जिसका विरोध भी हुआ, लेकिन रफत की रफ्तार पर इसका कोई असर नहीं हुआ, इनमें से भी कई लोग ऐसे है जनका जनाधार बीजेपी को 500 से 700 वोटों से आगे नहीं पहुचा सकता, लेकिन बड़ी-बड़ी गाड़ियों के साथ सभी बीजेपी में मलाई उड़ा रहे है, ओर जमीनी कार्यकर्ता सिर्फ दरिया बिछा रहे है। जिसे लेकर राउ के कार्यकर्ता इरफान मंसूरी अपना दर्द जाहिर कर चुके है, खैर जब सैंय्या भये कोतवाल तो फिर डर काहेका।।
गुरु गुड़ और चेला शकर
गुरु गुड़ और चेला शकर, की कहावत मप्र वक्फ बोर्ड की ताजा कमेटी में दिखाई दे रही है। अध्यक्ष बनने के लिए रबर स्टैंप बनाकर जिस फैजान खान को डॉ सनवर पटेल ने आगे किया था, वह चयनित श्रेणी में पहुंचकर उनसे ऊपर वालेमें शुमार किया जा रहा था। जबकि नियमानुसार मनोनित केटेगिरी के नाते डॉ पटेल का नाम निचले पायदान पर अंकित किया गया था। ये बात अलग है कि अध्यक्षीय तमगे के बाद उनका वजन, कम, किरदार अलग हो गए है, लेकिन फैज़ान के जीतने के बाद बोर्ड की अंतिम सूची में चेले का नाम पहले और गुरु बाद में ही दर्ज हो रहा था।
कोठारी को मिली ईदी…
ईद मिलान समारोह के साथ ही स्वप्निल कोठारी पांच नम्बर विधानसभा के मुस्लिम इलाकों में अपनी पहचान दर्ज कराने में कामयाब हो गए है, जिससे सत्तू की नींद में खलल पड़ सकता है। कोठारी की लांचिंग के लिए वार्ड 38, से कांग्रेस के लिए अनलकी रहे लक्की गोरी कोठारी के लिए लक्की साबित हो रहे है। लक्की अपनी पूरी टीम के साथ स्वप्निल की लांचिंग को कामयाब बनाने में सफल रहे। जिसमे अयाज गुड्डू, अंसार पटेल, शहज़ाद सिद्दीकी, रिजवान गोरी, शफ़ीक़ एहमद, सलीम पठान, शामिल है। कोठारी की तरफ से दावत के लिए किए कई कई फोन से कई लोगो परेशानी भी हुई जो कोठारी के मैनजमेंट की कमियां जाहिर करती है, जिसका विरोध परवेज़ इकबाल ने अपनी फेसबुक की दीवार से किया। कुल मिलाकर कोठारी को ईदी मिल रही है, लेकिन अभी दिल्ली दूर है।
खजराने की वक्फ की जमीन मोतीलाल के हवाले।।
खजराने में वैसे तो कई जमीनी जादूगरी चल रही है, लेकिन ताजा मामला दरगाह पीर मोजा कनाड़िया के नाम से दर्ज वक्फ में दर्ज जमीन जिसका खसरा नम्बर 205, है जमीन करोडो की है, जिस पर अधिकारियों से सांठगांठ से मोतीलाल यादव के नाम कर दी गई है । जमीन पर कनाड़िया तहसीलदार ने रोक लगा रखी है । इस मामले पर अगर जिम्मेदार जिला वक्फ अध्यक्ष शकील राज ने आंखे नहीं खोली तो वक्फ की यह बेशकीमती जमीन भी वक्फ के हाथो से निकल जाएगी ओर जरूरत मन्द मुस्लिम हाथ मलते रह जाएंगे।
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