Digital Currency Rupee : इंदौर में शुरू होगी डिजिटल करेंसी

देश के पायलट प्रोजेक्ट के लिए 16 शहरों में शामिल किया गया

Digital Currency Rupee
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इंदौर। एक दिसंबर से देश के चार प्रमुख शहरों में खुदरा डिजिटल रुपए का चलन शुरू होने जा रहा है। आरबीआई देश के चार शहरों से पायलट रूप में शुरू करने के कुछ दिन बाद नो अन्य शहरों में जनवरी में लागू करेगा, जिनमें इंदौर को भी शामिल किया गया है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपए का चलन शुरू करने की घोषणा की गई थी। जनवरी में इसका प्रचलन इंदौर में शुरू हो जाएगा।

देश के चार प्रमुख शहर मुंबई, दिल्ली, बंगलुरू और भुवनेश्वर में 1 दिसम्बर से डिजिटल करेंसी का प्रचलन शुरू होने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला सहित इंदौर में भी लागू किया जाएगा। सरकार डिजिटल रुपए के थोक व खुदरा चलन के पायलट प्रोजेक्ट के बाद पूर्ण रूप से डिजिटल रुपए के चलन को शुरू करेगी।

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आरबीआई के मुताबिक डिजिटल रुपए को जारी करने का काम बैंक करेंगे। फिलहाल चार बैंक भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक देश के चार शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया जारी करने का काम करेंगे। Digital Currency Rupee

बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी इस पायलट प्रोजेक्ट से जुड़ेंगे। डिजिटल रुपया आरबीआई की तरफ से बैंक देंगे, इसलिए यह वैधानिक होगा। पेपर नोट के मुकाबले यह अधिक सुरक्षित होगा। कहीं भी भुगतान कर सकेंगे और जब चाहे इसे नोट के रूप में बैंक में जमा कर सकेंगे, ताकि ब्याज मिल सके। एक दिसंबर से पायलट रूप में डिजिटल रुपया के सृजन, इसके वितरण और रियल टाइम में इसके खुदरा इस्तेमाल से जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं की निगरानी की जाएगी।

देश में ज्यादा सुरक्षित होगा डिजिटल रुपया

इस पायलट से मिलने वाले अनुभव के आधार पर अगले पायलट में डिजिटल रुपया टोकन का परीक्षण किया जाएगा। डिजिटल रुपए के चलन के लिए टोकन का इस्तेमाल किया जाना है। वितीय विशेषज्ञों के अनुसार वैधानिक रूप से डिजिटल रुपए जारी करने से क्रिप्टोकरेंसी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य हमेशा घटता-बढ़ता रहता है, जबकि डिजिटल रुपए में ऐसा कुछ नहीं होगा।

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ऐसा होगा डिजिटल रुपया

बैंक बिल्कुल पेपर के नोट जैसे आकार में ही डिजिटल रुपया जारी करेंगे। इसे रखने के लिए बैंक ही ग्राहकों को डिजिटल वैलेट मुहैया कराएंगे जिसे मोबाइल या अन्य डिवाइस में स्टोर किया जा सकेगा। हालांकि डिजिटल रुपया रखने पर बैंक की तरफ से कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा। जबकि पेपर नोट को बैंक में रखने पर ब्याज मिलता है। डिजिटल रुपए से ग्राहक आपस में लेनदेन भी कर सकेंगे और दुकान से खरीदारी भी कर सकेंगे। खरीदारी करने के लिए वे दुकानदार के क्यूआर कोड का इस्तेमाल करेंगे। 

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