गुस्ताखी माफ़: ज्योति बाबू का नया केंद्र इंदौर…दादा की योजना ही काम आती है…
ज्योति बाबू का नया केंद्र इंदौर…
मध्यप्रदेश में भाजपा में मची उथल-पुथल के बीच ज्योति बाबू के समर्थक अब समझ नहीं पा रहे हैं कि भाजपा में उनका क्या भविष्य रहेगा। धीरे-धीरे भाजपा में ही वे दरकिनार भी हो रहे हैं। ऐसे में आने वाला समय भाजपा में ज्योति बाबू के लिए संक्रमण काल से कम नहीं होगा। जहां ग्वालियर में महल के खिलाफ लम्बे समय से लड़ाई लड़ रहे तमाम भाजपा नेता सिंधिया को अपना नेता मानने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसे में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर की राजनीति कर पाएं इसकी भी संभावना कम ही रह गई है।
ज्योति बाबू के पास दो ही मार्ग हैं या तो मालवा-निमाड़ की राजनीति में भाजपा में अपना प्रभुत्व कायम कर पाएं अन्यथा उन्हें आने वाले समय में भाजपा में ही कई जगह से उठ रहे विरोध के स्वर से दो-दो हाथ करना होंगे। पिछले दिनों राष्ट्रीय कवि और भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन से लेकर भंवरसिंह शेखावत तक सिंधिया के भाजपा में प्रवेश को लेकर अपना विरोध व्यक्त कर चुके हैं। सूत्र बता रहे हैं कि सिंधिया ने सत्तन गुरु से भी मिलने का समय मांगा है।
हालांकि सत्तन गुरु, सत्तन गुरु हैं, एक बार जो कह दिया सो कह दिया। अब ज्योति बाबू के तमाम समर्थकों के साथ उम्मीदवारी का संकट भी खड़ा हो रहा है, क्योंकि संघ और आईबी की रिपोर्ट भी बता रही है कि इनमें से कई उम्मीदवार की वापसी नहीं हो पाएगी। ऐसे में ज्योति बाबू को भाजपा में अब नए सिरे से उन्हें अपनी जमीन तलाशनी होगी जो उनके लिए सबसे कठिन होगा। पिछले दिनों वे गुना में भी संकेत दे आए हैं कि वे यहां से मुक्त हो रहे हैं। ऐसे में अब वे इंदौर में नया केन्द्र बना सकते हैं।
दादा की योजना ही काम आती है…

