टूट रहा बांध अब सेना के हवाले

देर रात सेना के जवान और इंजीनियर पहुंचे, बांध खाली करने का काम भी जारी

इंदौर/धार। धार में कारम नदी पर बन रहे डैम को फूटने से बचाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना के जवान रात 2 बजे धार पहुंचे। सुबह 9.30 बजे तक मेजर समेत आर्मी के 40 जवान बांध पहुंच गए। मेजर ने बताया कि सेना के 50 और जवान आने वाले हैं।

एनडीआरएफ की सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी रवाना कर दी गई है। हर टीम में 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं। अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी। इसमें सेना की मदद लेने का फैसला लिया गया था। रात 12 बजे तक यहां रुकने के बाद आज सुबह 8 बजे जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, उद्योग संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, कमिश्नर, कलेक्टर और एसपी आ गए हैं। उनकी मॉनिटरिंग में ही डैम के दूसरे छोर से वैकल्पिक नहर बनाने की कोशिशें चल रही हैं।

प्रशासन का मानना है कि इस बनने वाली नहर से एक बार पानी का फ्लो शुरू हो जाएगा, तो डैम में पानी का दबाव कम होता चला जाएगा। इससे नुकसान को कम करने में बहुत मदद मिलेगी। डैम की कुल भराव क्षमता 45 एमसीएम (मिलियन घन मीटर) की है। अभी इसमें 15 एमसीएम पानी है। यानी क्षमता से एक तिहाई। अगर 5 एमसीएम पानी और कम हो गया तो बांध की दीवार टूटने पर भी पानी के फ्लो को नियंत्रित किया जा सकेगा। कारम नदी पर बने बांध में कारम नदी के साथ-साथ अजनाल नदी, क्षेत्र की नालछा नदी एवं मानपुर के खेड़ी सीहोद में बने डैम के वेस्टवियर सहित क्षेत्र के छोटे बड़े अधिकांश नालों का पानी आता है।

इस लिहाज से कारम नदी में पानी की आवक अधिक रहती है। बारिश रुकने से फायदा हुआ है। क्षेत्र में वर्षा रुकी हुई है। यही वजह है कि कारम डैम में ज्यादा पानी की आवक नहीं हुई। वर्षा रुकने के कारण रेस्क्यू आपरेशन भी लगातार चलता रहा। यही वजह है कि डैम को सुरक्षित रखने में वर्षा का रुकना फायदेमंद साबित हुआ।

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