5 रुपये वाले बिस्किट पैकेट अब दस रुपए में मिलेंगे

अभी तो पार्टी शुरू हुई है...... महंगाई की मार अब बच्चों पर

नई दिल्ली (ब्यूरो)। लगातार कच्चे माल की कीमतों में हो रही वृद्धि के बाद अब कम्पनियां भी भाव बढ़ा-बढ़ा कर हांफने लगी है। कम्पनियों में अब खर्चे कम करने के लिए जहां कर्मचारियों की कमी की जा रही है वहीं दूसरी ओर बिस्किट बनाने वाली एफएमसीजी (घरेलू सामान) कम्पनियों ने 5 रुपए वाले बिस्किट के पैकेट बंद करने का निर्णय लिया है। 10 रुपए वाले बिस्किट का पैकेट 5 रुपए के पैकेट का आकार लेगा। गरीब क्षेत्रों में इन बिस्किटों की 50 प्रतिशत खपत होती थी। वहीं अगले माह से आटा, ब्रेड, बिस्किट फिर महंगे हो जाएंगे। इसका कारण गेहूं की कीमत में 20 प्रतिशत की वृद्धि होना है।
चिप्स, बिस्किट और नमकीन के छोटे पैकेट का बाजार सबसे ज्यादा है। इसमें 5 और 10 रुपए के पैकेट खरीदने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। इसका उपभोक्ता वर्ग पूरी तरह अलग है। अभी तक वजन कम कर कम्पनियां इसे बेच रही थी परंतु अब कच्चे सामान का दाम आसमान छूने के बाद कम्पनियों ने इसकी भरपाई का अलग तरीका निकाल लिया है। लगातार महंगाई के चलते पारले-जी ने अपने 5 रुपए के बिस्किट के पैकेट को 64 ग्राम का आता था उसमें एक बिस्किट कम कर 55 ग्राम कर दिया। कोलगेट में भी पेस्ट को 25 से 18 ग्राम कर दिया। केडबरी ने 100 रुपए में 150 ग्राम चाकलेट के पैकेट को 100 ग्राम कर दिया। 10 सेनेटरी पेड अब 7 हो गए। वहीं नमकीन 10 रुपए में 80 ग्राम की बजाय 40 ग्राम हो गए परंतु अब फिर कीमतें बढ़ने के बाद छोटे पैकेट बाजार से गायब होना शुरू हो गए हंै। कम्पनियों ने इसका उत्पादन बंद कर दिया है। 5 रुपए के मिलने वाले सभी पैकेट अब 10 रुपए में मिला करेंगे। यानी अब तक जो सामान 5 रुपए में उपलब्ध होता था, अवमूल्यन और महंगाई के चलते वह 10 रुपए में उपलब्ध होगा। दूसरी ओर कम्पनियां अब अपने खर्चों को कम करने के लिए बड़ी तेजी से कर्मचारियों की कमी और कमीशन में कटौती करने जा रही है। वहीं जून में एक बार फिर महंगाई की मार बाजार में दिखाई देगी। 
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