शहर में हर दिन 150 से ज्यादा बोरिंग

बोरिंग माफिया के सामने निगम, प्रशासन बेबस, प्रतिबंध हटते ही 9 महीने में 25,000 से ज्यादा बोरिंग

इंदौर (शार्दुल राठौर)। प्रशासन ने जुलाई 2021 में खेती और घरेलू उपयोग के लिए बोरिंग से प्रतिबंध हटाकर नगर निगम को एक-एक बोरिंग का हिसाब रखने की जिम्मेदारी सौपी थी। नए नियम में बोरिंग मशीन का पंजीयन कर अनुमति देना और यह पूरा रिकॉर्ड सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी की साइट पर अपलोड करना शामिल था, लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अफसरों ने इस नियम की सिर्फ खानापूर्ति की और अधूरे रिकार्ड चढ़ाए हैं। जिले में वैध से ज्यादा अवैध बोरिंग हो रहे हैं। इस बीच निगमायुक्त को फिर से भूजल स्तर बढ़ाने की चिंता हो रही है, लेकिन अवैध बोरिंग को लेकर वे चुप हैं।
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने जलशक्ति मिशन के तहत शहर के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए प्लान तैयार करने एवं डीपीआर बनाने के संबंध में अफसरों को निर्देश दिए। वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट जिले में 100 से ज्यादा नए तालाब तैयार करने की बात कह रहे हैं, लेकिन इन योजनाओं को जमीन पर उतारना कितना मुश्किल है, इस पर योजना नहीं बनाई गई है। जानकार बता रहे हैं कि नए तालाब के लिए जमीन उपलब्ध कराना ही सबसे बड़ी चुनौती रहेगी। इसके लिए भूजल स्तर को बढ़ाने के वैकल्पिक प्रवधान पर ध्यान देना होगा,जिसमें सबसे पहले नए बोरिंग पर प्रतिबंध लगाने जैसे सख्त फैसले लेने की जरूरत है। गत वर्ष जुलाई से जिला प्रशासन से बोरिंग की परमिशन का अधिकार नगर निगम के पास आते ही एक बार फिर से बोरिंग माफियाओं का भय समाप्त हो गया और उन्होंने मनमानी शुरू कर दी। इस नई व्यवस्था से इंदौर शहर का भूजल स्तर फिर से लगातार नीचे की ओर जा रहा है। यह जानकारी सामने आई है कि शहर में होने वाले बोरिंग और वाटर रिचार्ज के प्रावधान नहीं होने से भू-जलस्तर 400 फिट से 700 फीट नीचे चला गया है। नगर निगम ने इसके लिए अब तक आवेदन के प्रारूप व शर्तें ऑनलाइन नहीं की है।
रोकने की बात पर सब चुप- पिछले साल बोरिंग की अनुमति प्रशासन के पास जाने से इंदौर जो भूजल दोहन के मामले में सालों बाद बेहतर हुआ था, लेकिन यह अनुमति नगर निगम के पास जाने से भूजल स्तर फिर डार्क जोन में जा रहा है। नई कॉलोनियों में बोरिंग के पानी से ही निर्माण किया जा रहा है। शहर में बोरिंग माफिया के सामने सब बेबस है, क्योंकि जब भी भूजल स्तर बढ़ाने में विषय पर बात होती है, तब अवैध बोरिंग रोकने के प्रवधान पर सब चुप हो जाते हैं।
पुराने तालाब अतिक्रमण मुक्त होंगे, नए के लिए सर्वे- जल संसाधन विभाग नए तालाब बनाने और पुराने तालाब के संरक्षण की योजना बना रहा है। इसके लिए जल जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने पिछले दिनों विभाग के अफसरों को इंदौर जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के तलाबों की नपती करने और अतिक्रमण की स्थिति का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इनके साथ ही जिले में 100 से ज्यादा नए तालाब तैयार करने की योजना है, जिस पर अफसरों को सर्वे कर जमीन चिन्हित करने के लिए कहा गया है।

अनुमति देने में रिश्वत का खेल
बोरिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों ने दावा किया है कि प्रतिबंध हटने के बाद से शहर में हर दिन लगभग 150 बोरिंग हो रहे हंै, जिनमें ज्यादातर की अनुमति नगर निगम और पुलिस प्रशासन के अफसरों को रिश्वत देकर ली जाती है। निगम खानापूर्ति के लिए सिर्फ कुछ मात्रा में बोरिंग की अनुमति जारी करता है। ज्यादातर अनुमति निगम अफसर, पुलिस और नेताओं की सेटिंग से ऊपर,ऊपर ही हो जाती है। बोरिंग मशीन संचालकों के बताए एक आकड़े के मुताबिक जुलाई से अब तक शहर में 25 हजार बोरिंग हो गए, जबकि निगम में पिछले आठ महीनों में 2600 से कुछ ज्यादा ही दर्ज किए हैं। इनमे भी ज्यादातर ऐसे सरकारी बोरिंग की संख्या है, जो सरकारी कोटे में पार्षद, विधायक और सांसद द्वारा कराए जाते हैं।

आंकड़ों की नजर से बोरिंग
शहर में बोरिंग की संख्या 3,00,000
एक दिन में होने वाले बोरिंग 150
इंदौर में बोरिंग मशीन 70
बोरिंग के धंधे के एजेंट 500

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