512 करोड़ लागत से बने 11 किलोमीटर लम्बे ट्रेक पर दौड़ेगी 375 किमी की स्पीड से कार

विश्व का पांचवा और एशिया का पहला ऑटोमोटिव व कंपोनेंट टेस्टिंग इंदौर में

इंदौर। प्रदेश की औद्योगिक नगरी इंदौर के पीथमपुर विश्व का पांचवा और एशिया का पहला सबसे बड़ा ऑटोमोटिव व कंपोनेंट टेस्टिंग ट्रैक बनकर तैयार है। 11.3 किलोमीटर लम्बा व 16 मीटर चौड़ा यह ट्रैक 512 करोड़ की लागत से बनकर तैयार है। यहां पर हाई कैटेगरी कारों जैसे बीएमडब्ल्यू, ऑडी, फेरारी, लेर्म्बोर्गिनी, टेस्ला जैसी कारों की हाई स्पीड टेस्टिंग की जाएगी। इस ट्रैक पर कार की सामान्य स्पीड 250 किलोमीटर तथा इसके कर्व में लगभग 375 किलोमीटर की रफ्तार रहेंगी।
28 से 30 अप्रेल को उद्योग विभाग द्वारा सुपर कॉरिडोर पर ढाई दिनों का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसके बाद आधे दिन का कार्यक्रम पीथमपुर में बने (नेशनल ऑटोमेटिव टेस्ट ट्रैक) इसी ट्रैक पर पहला इवेन्ट का आयोजन किया जा रहा है। इस ट्रैक का उदघाटन तो पिछले साल कोविड काल हो चुका हैं मगर इसका उपयोग पहली बार होगा। उद्योग विभाग के सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पीथमपुर में बना ये ट्रैक वर्ल्ड क्लास प्रोविंग ग्राउंड है। इसमें ऑटोमोटिव और कंपोनेंट टेस्टिंग जैसे दूसरे टेस्ट ट्रैक भी शामिल हैं। यह नई सुविधा सुनिश्चित करेगी की भारत में ही वाहनों का टेस्ट और मूल्यांकन अब आसानी से किया जा सकता है। इस हाई-स्पीड ट्रैक की लंबाई 11.3 किलोमीटर है। यह एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड ट्रैक होने के साथ ही दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा ट्रैक भी है। इस हाई-स्पीड ट्रैक का उपयोग ऑटोमोबाइल कंपनियों ऑटोमोटिव और कंपोनेंट टेस्टिंग के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही अब देश में ही वाहनों की टेस्टिंग की जा सकेगी। इसके लिए वाहनों को विदेश भेजने की आवश्यकता भी लगभग खत्म हो जाएगी। इस नए ट्रैक को 250 किमी प्रति घंटे की न्यूट्रल स्पीड और सीधे पैच पर बिना किसी मैक्सिमम स्पीड के साथ कर्व कर 375 किमी प्रति घंटे तक की मैक्सिमम स्पीड के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें जीरो फीसदी लॉन्गीट्यूडनल स्लोप इस ट्रैक के वाहनों के प्रदर्शन के सटीक माप के लिए ओपन टेस्ट लैब बनाता है। इसके बाद भारत में बनी कारों को टैस्टिंग के लिए अब विदेशों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।

ऐसा हैं हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक…
नया हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक 16 मीटर चौड़ा और ओवल (अंडाकार) आकार का है। यह फेसिलिटी इंदौर से 50 किलोमीटर दूर स्थित है और इसे लगभग 2,960 एकड़ जमीन पर विकसित किया गया है। इसे 250 किलोमीटर प्रति घंटे तक की न्यूट्रल स्पीड और कर्व पर 375 किलोमीटर प्रति घंटे तक की अधिकतम स्पीड के लिए डिजाइन किया गया है।

यह टेस्ट हो सकेंगे…
टेस्टिंग ट्रैक का विशाल आकार मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि एक ट्रैक पर विभिन्न प्रकार के ऑटोमोटिव टेस्टिंग किए जा सकेंगे। इस ट्रैक पर कोस्ट डाउन टेस्ट, ब्रेक टेस्ट, स्पीडोमीटर कैलिब्रेशन, कॉन्स्टैंट स्पीड फ्यूल कंजम्पशन टेस्ट (निरंतर गति ईंधन की खपत परीक्षण), नॉयज टेस्ट (शोर परीक्षण), वायब्रेशन मेजरमेंट (कंपन माप) और माइलेज एक्युमुलेशन टेस्ट (माइलेज संचय परीक्षण) जैसे कई अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं।

You might also like