प्रशांत किशोर 2024 के लिए कांग्रेस के रणनीतिकार होंगे
अहमद पटेल के स्थान पर सोनिया गांधी के सलाहकार बनेंगे
नईदिल्ली (ब्यूरो)। अंतत: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस के साथ में समन्वय लगभग हो गया है। वहीं उनके सबसे करीबी एक और रणनीतिकार सुनील कानूगोलू जो अभी तक भाजपा को सेवाएं दे रहे थे, वे भी कांग्रेस के साथ अब 2024 की रणनीति बनाएंगे। प्रशांत किशोर अब सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल की जगह बिठाए जा रहे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के साथ गुजरात में मैदानी लड़ाई लड़ चुके थे। 12 राज्यों में भाजपा का कांग्रेस से सीधा मुकाबला है, जबकि कई राज्यों में प्रशांत किशोर भाजपा के खिलाफ सरकार बनाने में एहम भूमिका निभा चुके हैं। विपक्ष की बड़ी रणनीति को लेकर आने वाले समय में निर्णय होते दिखाई देंगे। प्रशांत किशोर का मुख्य उद्देश्य भाजपा के खिलाफ 70 प्रतिशत वोटों को संगठित करने का है।
लम्बे समय से कांग्रेस अपनी तमाम कोशिश के बाद भी राज्यों में अपनी खोई हुई जमीन वापस नहीं ले पा रही है। पिछले समय 5 राज्यों के चुनाव इसके ताजा उदाहरण हैं। उत्तरप्रदेश में संगठन की बदहाली के बाद भी प्रियंका गांधी की मेहनत से मतदान के प्रतिशत में अच्छा खासा इजाफा हुआ है परंतु वह चुनाव जिताने मेें सफल नहीं हो पाया है। अब कांग्रेस में कई बैठकों के बाद प्रशांत किशोर को 2024 के लिए लाया जा रहा है। पहले संगठन में उन्हें महासचिव के पद पर नियुक्त किया जाना था परंतु सहमति नहीं बन पाने के बाद अब प्रशांत किशोर सोनिया गांधी के सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं देंगे और वे एहमद पटेल की जगह लेंगे और इसी के साथ प्रशांत किशोर के भाजपा से अलग होने के बाद भी भाजपा को ही सेवाएं दे रहे सुनील कानूगोलू भी कांग्रेस में अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं। कानूगोलू तीन राज्यों के चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए रणनीतिकार रहे थे। अब प्रशांत किशोर और कानूगोलू की एजेंसी सिटीजन फॉर अकाउंटेबल गर्वनेंस मिलकर कांग्रेस के 12 राज्यों में अपनी रणनीति तैयार करेंगे। प्रशांत किशोर का लक्ष्य कांग्रेस को 150 सीटों तक लाना रहेगा, बाकी अन्य राज्यों में भाजपा की विरोधी सरकारें कांग्रेस के साथ खड़ी होगी। प्रधानमंत्री के रूप में भी शरद पंवार को लेकर आम सहमति बनती दिखाई दे रही है। इस पर पहले भी विचार हुआ है। माना जा रहा है कांग्रेस भाजपा के हिन्दू मुसलमान के खिलाफ असली भारत का नारा देगी जिसमें मनमोहन सिंह के कार्यकाल की तुलना आम आदमी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल से की जाएगी। कांग्रेस इस समय देश में भीषण महंगाई और विपरित परिस्थिति में पेट्रोल-डीजल की कीमतें नियंत्रित रखने के अपने कार्यकाल को सामने लाएगी। साथ ही मनरेगा और अन्य योजनाओं का ग्रामीण क्षेत्र में हो रही दुर्दशाओं पर भी निशाना साधेगी। आज से पूरे देशभर में कांग्रेस केन्द्र सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलन शुरू करने जा रही है।