वेंटिलेटर पर जिला अस्पताल की नई इमारत

स्टॉफ क्वार्टर में होती है प्रसूति, चल रही ओपीडी

इंदौर (धर्मेन्द्रसिंह चौहान)।
हाउसिंग बोर्ड की लेतलाली के चलते जिला अस्पताल की नई इमारत को पहले लॉकडाउन फिर बारिश के बहाने वेंटिलेटर पर पटक दिया। 18 महा में बनने वाला 100 बेड का अस्पताल 12 महीने गुजरने के बाद भी आतित्व में नही आ पाया है। वर्तमान में भी यहां कई दिनों से काम रुक पड़ा है। जिसके चलते इसकी लागत भी बढ़ती जा रही है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इसी तरह काम चलता रहा तो साल के अंत तक भी यह इमारत तैयार नही हो सकती। तब तक स्टॉफ क्वार्टर में प्रसूति के साथ ही ओपीडी भी संचालित करना पड़ेगा।
हाउसिंग बोर्ड द्वारा 15 करोड़ रुपये की लागत से पहले चरण के तहत 100 बैड के जिला अस्पताल की इमारत का निर्माण होना है। इस इमारत का निर्माण दो साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य एजेंसी दिया गया था मगर 12 महा बीत जाने के बाद भी यहां अस्पताल का बेस भी तैयार नही हो पाया है। हालात ऐसे है कि अगले साल तक भी नई इमारत बनती नही दिख रही है। जिससे इस क्षेत्र के ज्यादातर लोगों को अन्य अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि नए अस्पताल में सर्जरी, मेडिसीन, आंखों के रोग सम्बंधित ऑपरेशन थियेटर बनाए जाना प्रस्तावित है। इनके साथ ही यहां पर गहन चिकित्सा इकाई और बच्चों के लिए एनआइसीयू, पीआइसीयू की सुविधा मिलने लगेगी। जिससे इस क्षेत्र के लोगो को अन्यत्र भटकना नही पड़ेगा। साथ ही यहां पर भविष्य में 54 करोड़ की लागत से 300 बैड का अस्पताल बनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। वर्तमान में अस्पताल की पुरानी इमारत के टूटने के बाद जिला अस्पताल परिसर में बने स्टॉफ क्वार्टर में ही ओपीडी संचालित हो रही है। साथ ही यहां 15 बैड का एक सामान्य प्रसूती ग्रह संचालित किया जा रहा है। जब तक नई इमारत नही बन जाती तब तक स्टॉफ क्वार्टर में इलाज ओर प्रसुति होती रहेंगी।

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