भाटिया समूह की 1800 करोड़ की सम्पत्ति कुर्क, सीबीआई ने दो और मामले दर्ज किए

कोयला आयात घोटाला

इंदौर (शार्दुल राठौर)। देश में कोयला घोटाले के दौरान नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (नालको) के सीएमडी को रिश्वत में सोने की ईंटें देने से चर्चा में आए भाटिया कोल ग्रुप पर सीबीआई और आयकर विभाग ने कुछ साल पहले छापे मारे थे। अपनी जांच में सीबीआई ने खराब क्वालिटी के कोयले की आपूर्ति के मामले में इंदौर के भाटिया कोल ग्रुप पर अब दो नए धोखाधड़ी के मामले दर्ज करते हुए 1800 करोड़ की संपत्तियां जब्त करने के आदेश जारी किए हैं।
इंदौर स्थित भाटिया इंटरनेशनल को वर्तमान में एशियन नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड के नाम से जाना जाता है। कंपनी पर 2011-13 की अवधि के दौरान एनटीपीसी को धोखा देने के इरादे से आपराधिक साजिश करने का आरोप लगा है। हाल ही में सीबीआई ने भाटिया कोल ग्रुप की इंदौर स्थित दो संपत्तियों को सीज करने के निर्देश दिए हैं। करीब दस वर्षों से घोटाले के विवाद से अपना नाम दूर करने के लिए भाटिया कोल ग्रुप अब कंपनी का नाम बदलकर व्यापार कर रहा है। इंदौर में नवरतनबाग बाग में कंपनी का मुख्यालय है।
इस मामले में जांच कर रही सीबीआई की टीम ने इंडोनेशिया से नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) और एनटीपीसी-सेल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएसपीसीएल) पर कम गुणवत्ता वाले कोयले के आयात और आपूर्ति के लिए धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप 116.07 करोड़ रुपए के नुकसान की बात सामने आई है। सीबीआई ने अपनी जांच में सिंगापुर स्थित भाटिया इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड, पीटी मित्रा एसके एनालिसा टेस्टामा की कोलकाता स्थित भारतीय सहायक कंपनी एसके मित्रा प्रालि. और इससे जुड़े कोयला लेब के जांचकर्ता रसायनज्ञ चंद्रप्रकाश यादव को पीएसयू को धोखा देने की कथित आपराधिक साजिश के लिए नामित किया है।
सीबीआई के अतिरिक्त महाप्रबंधक ए.के. श्रीवास्तव और उप प्रबंधक उमाशंकर वर्मा ने यह जानकारी दी। इस मामले में यह आरोप तय किए गए हैं की 2011-13 की अवधि के दौरान आरोपी व्यक्तियों ने एनटीपीसी को धोखा देने के इरादे से आपराधिक साजिश में प्रवेश किया है, जिसमें साजिश करते हुए इंडोनेशियाई मूल का घटिया गुणवत्ता वाला गैर-खाना पकाने वाला कोयला, जो कागजों पर अच्छी गुणवत्ता का दिखाया गया था। इस खराब कोयले को इंडोनेशिया से सिंगापुर स्थित कंपनी, विदेशी आपूर्तिकर्ता और इंदौर स्थित कंपनियों के समूह की सहयोगी कंपनी द्वारा खरीदा गया था।
यह आरोप सामने आए
जिस कोयले को कम गुणवत्ता का होने के कई निर्यात नहीं किया जाना था, उसे महंगे दाम पर एनटीपीसी बिजली संयंत्र को आपूर्ति की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 23.16 करोड़ रुपए नुकसान होने की बात सामने आई थी, लेकिन जांच पूरी होने के बाद यह नुकसान 116.07 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। सीबीआई ने जांच के दौरान आरोपित कंपनियों से ईमेल के जरिए जवाब भी मांगे थे, लेकिन उन्हें किसी भी मेल का संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आरोपी कंपनियों का सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश 92.91 करोड़ का बताया जा रहा है।
पहले भी सीबीआई कर चुका है कार्रवाई
बकाया लोन नहीं चुकाने पर एसबीआई (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) भोपाल की टीम ने संपत्ति कब्जे में लेने की मप्र में सबसे बड़ी कार्रवाई पहले भी कर चुका है, जिसमें सीबीआई ने 1800 करोड़ रु. का लोन नहीं चुकाने वाले भाटिया कोल समूह की इंदौर स्थित 29 संपत्तियों पर नोटिस चस्पा किए थे, जिसमें जब्त की गई 70 संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई की तैयारी भी की
गई थी।

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