डिजिटल ट्रैकिंग, सिंगल यूज प्लास्टिक, बैकलेन पर फोकस
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022: अगले सप्ताह कभी भी आ सकती है सर्वेक्षण टीम
इंदौर। इस बार का स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 अब तक के सभी सर्वेक्षणों से कठिन बताया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण सर्वेक्षण के अंक 6000 से बढ़ाकर 7500 कर दिए गए हैं। इंदौर के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिंगल यूज प्लास्टिक है, जिसे लेकर निगम ने सालभर तक कोई बड़ी कारवाई नहीं की है।
प्लास्टिक का उपयोग धड़ल्ले से ठेले और दुकान पर किया जा रहा है। 2022 के सर्वेक्षण में सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ कि मिनिस्ट्री द्वारा निगम द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रतिदिन की डिजिटल मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए सभी नगर निगम को प्रतिदिन की एक्सेल शीट अपलोड करना पड़ रही है। इसकी तुलना सर्वे के समय भरने वाले दस्तावेजों से की जाएगी। इसमें सिटीजन वॉइस के साथ ही 29 साल से कम आयु वाले युवाओं और 60 साल से ऊपर वाले बुजुर्गों के फीडबैक को अनिवार्य रूप से वेटेज दिया जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की महत्वपूर्ण बातें : सिंगल यूज प्लास्टिक में 75 माइक्रोन से कम की पॉलीथीन को बैन किया गया है। 3 आर प्रिंसिपल को 30 प्रतिशत वार्ड में लागू करना होगा। सिटीजन वाइस के 2250 नंबर : सिटीजन फीडबैक युवाओं से लेने के 200 नंबर- युवाओं को जोड़ने के लिए 15 से 29 साल के लोगों के फीडबैक को 50 प्रतिशत वेटेज मिलेगा। इस 10 सवालों का चयन किया गया है। इनमें से चार सवाल रेंडमली पूछे जाएंगे। सिटीजन फीडबैक सीनियर सिटीजन से के 400 अंक : इसमें 60 साल से ऊपर की आयु वाले लोगों से फीडबैक लिया जाएगा। सिटीजन इंगेजमेंट के 550 नंबर- इसमें फ्रीडम फाइटर के सम्मान के रूप में उनकी प्रतिमाओं की सफाई व्यवस्था के लिए सर्वाधिक 160 अंक, जीरो वेस्ट वॉर्ड, वोकल फॉर लोकल, स्टार्टअप को बढ़ावा देने, स्वच्छ इनोवेटिव टेक्नॉलॉजी चैलेंज, जिंगल-मूवी आदि के अंक रहेंगे। क्लीन एयर के 150 अंक : इसमें शहर की आबोहवा को स्वच्छ रखने के लिए किए गए प्रयासों के तहत विभिन्न श्रेणियों में अंक दिए जाएंगे। इसमें सीएंडडी वेस्ट, सड़कों पर धूल नहीं होने सहित अन्य पैरामीटर हैं। डिजास्टर-एपिडेमिक रिस्पांस प्रीपेयर्डनेस के 200- इसमें कोरोना जैसी महामारी सहित अन्य आपदा से नियंत्रण के लिए किए गए कार्यों को शामिल किया गया है। इंदौर में जल्द ही स्च्छता सर्वेक्षण की टीम आने वाली है। इस बार की सिटीजन वॉइस भी पहले से बहुत कठिन होगा, पिछली बार इसी में इंदौर को सूरत से कम नंबर मिले थे।