सुलेमानी चाय -खजराना से चुनाव लड़ सकते हैं टीआई और तहसीलदार….जेल की हवा खाने के बाद फिर जमीन खाने को तैयार चंदन नगर के भू माफिया…अल्पसंख्यक नेताओं के कार्यक्रमों से गौरव बाबू की दूरी…

खजराना से चुनाव लड़ सकते हैं टीआई और तहसीलदार


खजराने में इस समय टीआई दिनेश शर्मा और तहसीलदार सिराज खान की तूती बोल रही है, जहां टीआई दिनेश शर्मा बड़े-बड़े जमीनों के मसले अपनी जाजम पर हल कर रहे हैं, और स्वागत पर स्वागत करवा रहे हैं, वही खजराना नाहरशाहवली के पुराने सदर अश्लील नृत्य कांड के बाद हटा दिए गए थे, और उनके स्थान पर प्रशासनिक अधिकारी सिराज खान को दरगाह की जिम्मेदारी मिली थी,उन्होंने उस समय लगे हाथ उर्स भी करा दिए थे, तब से अब तक दरगाह की जिम्मेदारी उन्हीं के हाथ में है, जिसे लेकर हर छोटा मोटा व्यक्तिसिराज खान के दरबार में हाजिरी देता रहता है, जरूरत से ज्यादा तवज्जो मिलने से दोनों महाशय को भी खजाराने की राजनीतिक की हवा लग रही है, और सूत्रों की माने तो अगले निगम चुनाव में अगर दोनों में से कोई निगम चुनाव लड़ने का दावा ठोक दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
जेल की हवा खाने के बाद फिर जमीन खाने को तैयार चंदन नगर के भू माफिया


शहर के भू माफियाओं की फेहरिस्त में अपना नाम दर्ज करा चुके चंदन नगर के भू माफियाओं की शायद प्रशासनिक सेटिंग कुछ ज्यादा ही अच्छी है, तभी तो पिछले दिनों जमीन खाने के मामलों में अपना पाचन तंत्र बिगड़ चुके इन लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी थी, लेकिन जेल से छूटने के बाद यह फिर से जमीनों की हेराफेरी में लग चुके हैं, सूत्रों की माने तो दबी जबान में जहां इन्हें प्रशासनिक मंजूरी मिली हुई है, वही दूसरी भी कई मंजूरी इनके साथ चल रही है, जिसका असर है कि यह फिर से जमीनों की जादूगरी में लग चुके हैं।
अल्पसंख्यक नेताओं के कार्यक्रमों से गौरव बाबू की दूरी


लगता है कि गौरव बाबू बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सभी नेताओं से खासे नाराज हैं, तभी पिछले दिनों अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी, राष्ट्रीय मंत्री एसके चिश्ती और प्रदेश अध्यक्ष रफत वारसी के इंदौर आने पर हुए भाजपा कार्यालय के कार्यक्रमों ओर बैठको में जहां संगठन के बड़े नेताओं ने दूरी बनाए रखी, वहीं नगर अध्यक्ष के साथ-साथ उनकी टीम से भी कोई नजर नहीं आया। इसी के साथ-साथ इन राष्ट्रीय नेताओं के कार्यक्रमों में अल्पसंख्यक कार्यकर्ताओं का भी खासा टोटा रहा। गौरव बाबू की इस बेरुखी से जहां मुस्लिम नेताओं के चेहरे उतरे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ गौरव बाबू जिन क्षेत्रों से विधानसभा का सपना देख रहे हैं जिसमें 5 नंबर और राउ विधानसभा है, जहां अच्छी खासी मुस्लिम आबादी हे जोकि गौरव बाबू के काम आ सकती है।
रमजान के पहले ही गुनाह माफ
रमज़ान करीब है, मस्जिदों की मरम्मत और साफ सफाई हो चुकी है। इंतज़ार है तो बस गुज़रे साल गायब हुए नमाजियों का, एक महीना पहाड़ तोड़ने के बाद ये फिर गायब हो जाएंगे। नमाजियों के साथ मस्जिद कमेटियों के सदस्य भी आस्तीन चढ़ाकर तैयार हो गए है, ताकि लोग जान ले कि वो कमेटी के सदस्य है। कमेटी के ये बहादुर खिदमत के लिये नही जूतमपैजार करने के लिए तैयार हो रहे है। कल जुमा की नमाज़ में शहर की सबसे बड़ी मस्जिद में हाथापाई को नौबत आ गई। कमेटी के दो बहादुर खूब गुत्तम गुत्था हुए बमुश्किल लोगों ने छुड़ाया वरना यह आज ही सभी गुनाह माफ करा लेते, इसमे मामला खिदमत का नही चंदे का था।
वक्फ बोर्ड में पद यात्री की कद्र नहीं
मुस्लिम समाज की वक्फ संपत्तियां गरीब की जोरू की तरह हो चली है, जो मुखिया बनता है उसमे जागीरदारों की आत्मा घुस जाती है। बेचारी अवाम का तो कुछ फायदा होता नही और मुखिया मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बन जाता है। लेकिन मामला किशनपुरा की मस्जिद का कुछ और ही है। ख्वाजा का तकिया की करोड़ो की बेशकीमती जायदाद पर एक ही परिवार सालो से निगराँ है। वक़्फ़ जिम्मेदार भी इनकी नज़र में कुछ नहीं। पिछले दिनों यहां की दो दर्जन से ज्यादा दुकानों को नगर निगम ने तोड़ने के नोटिस जारी किए थे। सालो से मलाई खा रहे निगराँ ने तो कुछ नही किया लेकिन पदयात्री के नाम से मशहूर यहां के अध्यक्ष भागदौड़ कर निगम के खिलाफ स्टे ले आए। अब मामला कोर्ट में है। पदयात्री पिछले तीन चार सालों से इस वक्फ जायदाद के अध्यक्ष है लेकिन निगराँ उन्हें निगरानी नही सौपता। पदयात्री को समझना चाहिये कि अब पदयात्रा का दौर नही रहा। पूरा चार्ज चाहिये तो मौजूदा साधनों का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
-9977862299

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