बिना बिल्टी के खुलेआम यात्री बसों में अवैध परिवहन

- मिलीभगत से शासन को करोड़ों का नुकसान- जिला प्रशासन, वाणिज्यिक कर विभाग की मौन स्वीकृति

इंदौर (शार्दुल राठौर)। इंदौर से चलने वाली कई निजी यात्री बसों से खुलेआम अवैध परिवहन हो रहा है। छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में इस अवैध परिवहन को स्थानीय पुलिस, परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और वाणिज्यिक कर विभाग ने मौन स्वीकृति दे रखी है। शहर से चलने वाली कई अंतरराज्यीय और उपनगरीय लग्जरी बसों में खुलेआम ओवर लोडिंग और सामान की ढुलाई की जाती है, जिससे यहां दिनभर जाम की स्थिति भी बनी रहती है।
प्रशासन प्राइवेट यात्री बसों की छत पर लगेज के नाम से रखे सामान को उतरता देखे तो बस ऑपरेटरों और बस स्टाफ की अतिरिक्त आय का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर में निजी लग्जरी बसों में अवैध रूप से सामान भरकर ले जाने और लाने का खेल पिछले कई वर्षों से बदस्तूर जारी है। खासतौर से बसों की छतों पर भी भारी मात्रा में सामान ढोया जा रहा है। इससे हादसे की बड़ी आशंका बनी रहती है। यह स्थिति एक-दो दिन की नहीं है, बल्कि हर दिन का मामला है। इन यात्री बसों में अफसरों की सेटिंग से टैक्स चोरी कर माल को बसों की छतों पर रखा जाता है, जो यात्रियों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं। इसके बावजूद परिवहन विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग और यातायात पुलिस का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
दो दर्जन बसों का संचालन
शहर से प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा लग्जरी यात्री बसों का संचालन होता है। इसमें से दूरदराज जाने वाली यात्री बसों की छत पर खासा सामान लाया-ले जाया जाता है। वाहनों के भीतर भी स्टॉक रखने के मामले पहले आ चुके हैं। बसों में सवारी बैठाने में भी नियमों का उल्लंघन होता है, लेकिन इनके प्रति कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है।

कांग्रेस की सरकार में लगी थी रोक, भाजपा में डर नहीं
प्रदेश में डेढ़ साल रही कांग्रेस की सरकार ने इंदौर में इस तरह अवैध परिवहन पर शिकंजा कसते हुए रोक लगा दी थी। इस दौरान यहां स्थाई तौर पर एक पुलिस चौकी बनाकर बसों की आवाजाही पर रोकने के लिए पुलिस जवान तैनात रहता था, लेकिन बाद में भाजपा का शासन आने के बाद यहां के हालात फिर वैसे ही हो गए। जिला प्रशासन को इस अवैध कार्य को रोकने के लिए टीम गठित कर अंकुश लगाने का अधिकार है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। लंबी दूरी की यात्री बसों के संचालक धड़ल्ले से बिना बिल्टी के दुकानों का सामान परिवहन कर रहे हैं। इस पर वाणिज्यिक विभाग भी ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी के अनुसार इंदौर से भोपाल, कानपुर, नागपुर, नई दिल्ली जाने वाली बसों की छतों पर भारी-भरकम लगेज लोड होता है, जबकि यह काम ट्रांसपोर्टरों के जरिए होना चाहिए, ताकि टैक्स चोरी ना हो। पिछले कई सालों से यह काम लग्जरी बसों के माध्यम से हो रहा है। इसके कारण व्यापारी रोज टैक्स चोरी कर सामान बसों के माध्यम से एक शहर से दूसरे शहर और एक राज्य से दूसरे राज्य में पहुंचा रहे हैं।

ये हैं नियम
मोटरयान अधिनियम के तहत यात्री बसों में माल की ढुलाई या क्षमता से अधिक लोडिंग करना गलत है। ऐसी यात्री बसों के खिलाफ परिवहन विभाग, स्थानीय पुलिस और वाणिज्यिक कर विभाग को उड़नदस्ते बनाकर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। मोटरयान अधिनियम का उल्लंघन करने वाली यात्री बसों का परमिट निरस्त करने की कार्रवाई और पेनल्टी जमा करने की कार्रवाई के साथ लगेज जब्त होने की कार्रवाई करने के नियम बनाए गए हैं।

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