नाले पर काट रखे हैं प्लाट, उद्योग की जमीन में हो रही भारी टैक्स चोरी

भाजपा नेता पर खड़ी कराई का आरोप लगाने वाले उद्योगपति भी उलझ गए

इंदौर। खड़़ी कार्रवाई व उद्योगपतियों से अवैध वसूली करने के मामले में एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज मप्र ने भाजपा नेता जगमोहन वर्मा पर आरोप लगाए हैं। आरोप लगाने के बाद खुद उद्योगपति उलझ गए हैं। आरोप लगने के बाद एडीएम पवन जैन ने वर्मा को अपना पक्ष रखने बुलाया था। वर्मा ने एडीएम के समक्ष लिखित में सारा बयान सौंप दिए हैं।
अपने बयान में उन्होंने उद्योगपतियों पर आरोप लगाए हैं कि वे शासन-प्रशासन को लाखों की चपत लगा रहे हैं। एक शिकायतकर्ता ने नाले पर कब्जा कर प्लाट काट दिया है। अपना बयान देने के बाद अब प्रशासन उद्योगपतियों पर कार्रवाई करने के मामले में कन्नी काटने लगा है। वर्मा को अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पवन जैन ने 17 मार्च को सूचना पत्र जारी किया था। इसके बाद वर्मा ने 20 मार्च को अपना जबाव पेश किया।
आरोप लगाने वाले योगेश मेहता एवं उनकी पत्नी निर्मला को सेक्टर सी सांवेर रोड में उद्योग विभाग द्वारा भूखंड क्रमांक 37 ए एवं 39 बी में 60000 वर्गफीट जमीन आवंंटित की गई थी। इनके द्वारा वर्ष 2010 से कुल 17000 वर्गफीट का संपत्तिकर जमा कर रहे हैं।
– वर्ष 2021-22 में निगम में शिकायत के बाद 38000 वर्गफीट पर योगेश मेहता ने टैक्स जमा किया था। भरना पड़ा जिससे राज्य शासन को आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ है।
-30000 वर्गफीट भूमि पर जिला उद्योग केन्द्र के सहयोग से अतिक्रमण किया हुआ है।
– दोनों भूखंडों पर दोनों इकाइयों के भवन का निगम से मानचित्र अनुमोदित नहीं है, जिससे निगम को राजस्व की हानि हो रही है।
– वीटा इंडस्ट्रियल पार्क ग्राम जाख्या की भूमि पर योगेश द्वारा नाले को मोड़कर प्लाट काटे हैं।
-ठ सांवेर रोड पर अवंतिका गैस पाइप लाइन पर भी मेहता ने पलाट भूखंड काटे हैं, जो कि एक्प्लोसिव एक्ट के अंतर्गत वर्जित है।
– दंपति ने वर्ष 2010 से प्लाटों का हस्तांतरण शुल्क 26 लाख 45 हजार 58 रुपए अब तक जमा नहीं किया है। इस संबंध में प्रकरण ईओडब्ल्यू में दर्ज है।
-वर्ष 2007 में शाजापुर में मेहता पर एम.पी.ई.बी के तार चोरी का मामला दर्ज हुआ था।
– मेहता की वेंकटेश मेटल्स एंड एलायन्स प्रा.लि. सांवेर 37ए सेक्टर सी क्षेत्र का वायु प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है।
– शिकायतकर्ता डफरिया अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज एमपी द्वारा उनकी इकाई मेसर्स आरेल इंडस्ट्रीज में अब तक पॉल्युशन बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया है।
– अजयसिंह चौहान महाप्रबंधक उद्योग केन्द्र ने अपने कार्यकाल में कई अनियमितताएं की। जून 2022 में सेवानिवृत्ति है।
– उद्योग केन्द्र के अधीन 2800 इकाइयों प्र्रकाश इलेक्ट्रिकल्स, गुुड रन रबर इण्डस्ट्रीज, भूखंड क्रमांक 11ए एवं 11सी सेक्टर ई सांवेर रोड, भूखंड क्रमांक 37ए एवं 39 बी में किए गए भ्रष्टाचार की शिकायत शासन को की गई है।
ये की शिकायत
– मे. सुमेधा केमिकल्स को अलॉट पार्टनरशिप इकाई थी। इस इकाई के नवीन भागीदार लेख 26.10.1982 केे अनुसार मे. केमिफाइन इंटरनेशनल प्रा.लि. को 10 प्रतिशत का भागीदार बनाया गया परंतु कोई भी लीजडीड संशोधित कर नहीं बनाई गई।
– 5.11.2001 को इकाई का आवंटन आदेश व लीजडीड निरस्त कर दी गई।
– इकाई को उद्योग मित्र योजना में 9.11.2008 को निर्णय का सूचना पत्र दिया गया परंतु इकाई द्वारा योजना का कोई लाभ प्राप्त नहीं किया गया।
– मे. सुमेधा केमिकल्स का पत्र 24.12.2009 द्वारा की फर्जी सहमति पत्र बनाकर विक्रय की सहमति पत्र बनाकर प्रस्तुत की गई। यह विक्रय अनुबंध डायरेक्टर सी.डी.शाह के बीच 24.12.2009 को हुआ है। दूसरे पक्ष में योगेश के बीच हुआ है। जिस पर सी.डी.शाह के फर्जी हस्ताक्षर से यह विक्रय पत्र प्रस्तुत किया।
– उद्योग केन्द्र के पत्र क्रमांक 701, 13.1.2010 द्वारा 60000 वर्गफीट का प्लाट दो भागों में बांटकर हस्तांतरण की अनुमति दी गई, जिसमें 55,18,260 रुपए जमा करने का लिखा गया। मेहता दंपति ने 20 लाख रुपए ही जमा किए। यह राशि माफ करने के अधिकार तत्कालीन महाप्रबंधक श्री रायकवार को नहीं थे।
– महालेखाकार ग्वालियर ने उद्योग केन्द्र के ऑडिट के दौरान प्रकरण की जांच की थी। मेहता दंपति सेे 26 लाख 45 हजार 58 रुपए वसूल करने के निर्देश दिये गए थे। यह राशि अब तक नहीं वसूली गई।
– मेहता दंपति द्वारा यह दोनों भूखंड जोड़ लिए गए हैं। दोनों इकाइयों के नक्शे भी निगम से अब तक अनुमोदित नहीं कराए गए।

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