कॉपी-किताबें 30 प्रतिशत तक महंगी

पेन-कॉपी के साथ रबड़ पेंसिल शार्पनर के दाम 10 से 20 प्रतिशत बढ़े

इंदौर। रद्धि के भावों में भारी बढ़ोत्तरी के चलते शिक्षा की हर चीज के भाव आसमान छूने लगे है। जहां पेन-कॉपी के साथ रबड़ पेंसिल ओर शार्पनर के भावों में 10 से 20 प्रतिशत तक कि बढ़ोतरी हो गई है। वही किताबो में भी 20 से 30 प्रतिशत तक भाव बढ़ गए है। जिससे अभिभावकों पर अधिक भार पड़ गया है। दो सालों से स्कूली फीस की मार झेल रहे पेरेंट्स को इस साल कॉपी किताबो की बढ़ी हुई कीमतों ने अभी से परेशान कर दिया है।
इस साल किताब-कापियों के दामों में भारी बढ़ोतरी भी लोगों की जेब ढीली कर रही है । रद्धि महंगी होने से पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कापियों के दाम में 25 से 30 प्रतिशत हो गए। जबकि किताबों के दाम में 10 से 20 प्रतिशत वृद्धि हुई है। कॉपी किताब के खेरची विक्रेता गणेश पाटिल के मुताबिक कापियों की कीमतों में दो तरीके से वृद्धि की गई है। ब्रांडेड कंपनियों ने कापियों के दाम बढ़ाने की अपेक्षा उनके पेज कम कर दिए, जबकि कुछ कंपनियों ने साइज (लंबाई चौड़ाई) कम कर दी है। वहीं लोकल ब्रांड की कापियों ने दाम बढ़ाने के साथ कुछ पेजों की संख्या कम कर दी है। जैसे 128 पेज की कापी 120 पेज की हो गई है। वही मॉर्डन बुक स्टॉल वालो का कहना है कि कुछ कंपनियों ने पेज कम करने के साथ कीमत भी 20 से 25 रुपए बढ़ा दिए है। 64 पेज की कापी जो 10 रुपये में आती थी वह अब 48 पेज होने के साथ 15 रुपए की हो गई है। जानकारों का कहना है कि यह सब कागज की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण हो रहा है। नये स्टाक की कीमतें ओर भी बढ़ी हुई होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता ।
164 पेज की कॉपी पहले 30 रुपए में आती थी जो अब 35 से 40 हो गई। 28 पेज की कॉपी 5 रुपए में आती थी जो अब 20 पेज की होने के साथ 8 से 10 रुपए में आ रही है। वही 10 रुपए वाली रॉयल कॉपी पेज कम होने के बाद भी 15 रुपए में बेची जा रही है। रफ कॉपी पहले काले पेज की 20 में आती थी इसके दाम अब 25 से 30 में हो गए है। 192 पेज की कॉपी 25 से 35 की हो गई। जो कॉपी 120 पेज की 15 रुपए की थी वह अब 20 की हो गई। 312 पेज वाली 40 से 50 में, वही 420 पेज की जो कॉपी 60 रुपए की थी वह अब 75 में आ रही है।

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