1998 का संघर्ष बना परंपरा…बना प्रदेश की पहचान…

पहली फाग यात्रा जिसमे महिलाएं भी होती है शामिल....फूहड़ता , हुड़दंग , को बनाया शालीन उत्सव ...

इंदौर।
इंदौर में निकाले जाने वाली फाग यात्राएं और गैर विश्व प्रसिद्ध होती हैं लेकिन शहर में नरसिह बाजार से निकाले जाने वाली राधा कृष्ण फाग यात्रा को लेकर लोगों में उत्साह रहता है इस फाग यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भी सम्मिलित होकर रंग पंचमी का त्यौहार मनाती हैं लेकिन बहुत ही कम लोगों को यह पता है कि इस फाग यात्रा की शुरुआत एक लंबे संघर्ष के बाद हो पाई थी उस संघर्ष के बाद ही यह परंपरा बनी और आज तक इंदौर में रंग पंचमी पर राधा कृष्ण फाग यात्रा पूरे अनुशासन के साथ दिखाई देने लगी तो आपको ले चलते हैं 24 साल के इतिहास की तरफ जब इस यात्रा को निकालने के लिए कई लोगों को जेल तक जाना पड़ा था।

इंदौर में हिंदू रक्षक संगठन के द्वारा निकाले जाने वाली फाग यात्रा का अपना अनूठा इतिहास है इस यात्रा की शुरुआत भाजपा के विधायक लक्ष्मण सिंह गौड़ के द्वारा की गई थी लगभग 24 साल पहले 1998 में इस फाग यात्रा की शुरुआत की गई थी 24 साल से यह यात्रा निकाली जा रही है सन 1998 में इस यात्रा को निकालने के लिए संघर्ष हुआ और कार्यकर्ता 2 दिन तक जेल में भी रहे होली के दिन इस यात्रा को निकालने की शुरुआत की जा रही थी लेकिन उस समय की सरकार के द्वारा अनुमति नहीं दी गई, ओर कार्यकर्ताओ का प्रशासन से जमकर संघर्ष हुआ दरअसल 1998 से पहले शहर में निकलने वाली गैर ओर फाग यात्राओं में फूहड़ता और असामाजिक तत्वों के द्वारा जमकर हुड़दंग मचाई जाती थी तब शहर के भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह गौड़ ने तय किया कि इस हिंदू त्योहार को पूरी शालीनता और इसके पुराने वैभव के साथ मनाया जाएगा लेकिन इसके लिए उनके सामने कई प्रकार की चुनौतियां मौजूद थी 1998 में इस राधाकृष्ण फाग यात्रा की शुरुआत नरसिंह बाजार स्थित मंदिर से की जाना थी प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और सभी गैर को अनुमति दी गई लेकिन इस यात्रा को अनुमति प्रदान नहीं हुई तब विधायक लक्ष्मण सिंह गौड़ ने तय किया कि इस यात्रा को किसी भी हालत में निकाला जाएगा सन 1998 में इस यात्रा को रोकने के लिए कड़ा संघर्ष किया गया प्रशासन ने ठान रखा था कि किसी भी तरह से यह यात्रा निकल न सके लेकिन कार्यकर्ताओं ने यह संकल्प लिया कि शहर में इस यात्रा को भी निकाला जाएगा और फिर शुरू हुआ संघर्ष का दौर । यात्रा निकालने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए लेकिन प्रशासन के द्वारा भी तैयारी की गई थी और यात्रा को नहीं निकलने देना था इसके बाद कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच जमकर संघर्ष हुआ गिरफ्तारी और लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ताओं को चोटें भी आई और रंग का पर्व खूनी होली में बदल गया लक्ष्मण सिंह गौड़ उस समय के क्षेत्र क्रमांक 4 से विधायक थे इस तरह की घटनाओं को रोकने और रंगों का पर्व उत्साह और शालीनता के साथ मनाने के लिए उन्होंने भी संकल्प ले रखा था कार्यकर्ता 2 दिन जेल में रहे प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों की मजबूरी भी थी कि इस यात्रा को नहीं निकलने दिया जाए, तत्कालीन कलेक्टर एम गोपाल रेड्डी ने भी इस यात्रा की अनुमति को निरस्त कर दिया था विधायक गौड़ के द्वारा जिस रथ में राधा कृष्ण की मूर्ति विराजित की जाना थी उस रथ को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया हालांकि 2 दिन बाद कार्यकर्ता जेल से निकले और समाज के दबाव में रंग पंचमी पर इस फाग यात्रा की अनुमति देना पड़ी
24 साल पहले निकलने वाली यात्रा में अवांछनीय तत्वों के प्रवेश से हुड़दंग करने वाली टोलियां शामिल हो जाती थी परिवार सहित शामिल होने वाली महिलाओं को यहां शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ता था इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ही राधा-कृष्ण फाग यात्रा की शुरुआत की गई और तब की गई शुरुआत का असर इतना हुआ कि अब मालवा इलाके में निकलने वाली फाग यात्राओं में परिवर्तन आया और छोटे-छोटे फाग उत्सव भी होने लगे आज भी इस यात्रा में 300 लोगों का रक्षक दल होता है जो कि यात्रा में मौजूद महिलाओं और अन्य लोगों की रक्षा करते हुए चलता है यात्रा की संचालन टोली अलग रहती है राधा कृष्ण फाग यात्रा में अनुशासन इस तरह देखने को मिलता है कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस यात्रा में शामिल होकर रंगों के पर्व का उत्साह मनाते हैं इस बार भी इस यात्रा में एक नया उत्साह नजर आ रहा है यात्रा में इस बार भी रथ का एक नया स्वरूप देखने को मिलेगा यात्रा में उड़ाए जाने वाले रंग को भी प्राकृतिक रूप से तैयार किया जाता है रंग पंचमी के 2 दिन पहले से इसकी तैयारी में कार्यकर्ता जुट जाते हैं और प्राकृतिक रंगों को तैयार करते हैं ‘

लखन दादा ने सनातन त्यौहारों में हो रही फूहड़ता , हुड़दंग व अश्लीलता को रोकने व इस त्यौहार को इसके असली धार्मिक स्वरूप में लौटाने के लिए इसकी शुरवात की थी आज भी शहर में बड़े उत्साह से राधा कृष्ण फाग यात्रा निकाली जाती है और शहर का मध्य क्षेत्र मथुरा वृंदावन का नजर आता है यात्रा में प्रदेश के कई हिस्सों से भी लोग शामिल होने आते हैं और रंग पंचमी पर उत्साह नज़र आता है
एकलव्य सिंह गौड़
संयोजक हिन्द रक्षक संगठन

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