जिला मूल्यांकन समिति की बैठक और प्रस्तावित गाइडलाइन पर कई सवाल

समिति ने 25 प्रतिशत राशि बढ़ाने पर जताई सहमति, प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा

शार्दुल राठौर
इंदौर। शहर की नई गाइडलाइन के प्रारंभिक प्रस्तावों पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला मूल्यांकन समिति ने संपत्ति की गाइडलाइन 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला ले लिया है, लेकिन गाइडलाइन की बढ़ोतरी के साथ जिला मूल्यांकन समिति की बैठक पर कई सवाल खड़े हो रहे है। गाइडलाइन बढ़ाने के लिए जिस प्रकार से वर्तमान गाइडलाइन की कीमत से ज्यादा मूल्य पर सौदे होना आधार बनया गया है, वहीं जहां सौदे ही नहीं हो रहे है या बिलकुल कम रजिस्ट्रीयां हो रही है, वहां गाइडलाइन की दर कम नहीं की गई है। बैठक में विधायक महेंद्र हार्डिया के स्थान पर सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी ने विरोधियों को बोलने का मौका दे दिया है।
जिला मूल्यांकन समिति की प्रस्तावित गाइडलाइन में इस साल पंजीयन विभाग ने प्रॉपर्टी की डिमांड और रजिस्ट्रियों की संख्या व विकास कार्यों को देखकर प्रस्ताव तैयार किया है, लिकिन जानकर प्रस्तावित गाइडलाइन पर कई सवाल खड़े कर रहे है। 300 से ज्यादा जोड़े गए नए क्षेत्रों को लेकर अभी यह भी स्पष्ट नही हुआ है, की इन क्षेत्रों में विकसित होने वाली कालोनियों में क्या अब ग्रीन बेल्ट समाप्त कर दी जाएंगे। क्योंकि 79 गांव और बायपास से जुड़ी कालोनियों में ज्यादातर क्षेत्र खेती का आता है, वहीं इनमें से कई क्षेत्रों को अभी नए मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
लेकिन मास्टरप्लान के हिसाब से विकास नहीं हुआ ही, इसलिए गाइडलाइन की नई बढ़ी हुई दरें पहले से बढ़ाकर लेना उचित होगा। वहीं एक सवाल यह भी उठ रहा है की संपत्ति से अधिक मूल्य पर सौदे होने पर गाइडलाइन बढ़ाई जाने का प्रस्ताव तैयार किया है, तो गाइडलाइन से कम मूल्य पर सौदे होने पर दरें कम करने के प्रस्ताव को शामिल क्यों नहीं किया गया। इंदौर के पुरानी बसाहट में इसे कई क्षेत्र शामिल ही जहां गाइड लाइन बढ़ाने की बात प्रताव में शामिल की गई है, लेकिन यहां सौदे एन के बराबर हो रहे है या गिडलाइन से कम कीमत में हो रहे है। एडवोकेट प्रमोद द्विवदी ने नागिन नगर, हुकमचंद कालोनी, कुलकर्णी भट्टा, जबरन कालोनी और गफूर खां की बजरिया के नाम ऐसे क्षेत्रों के बताए है।

संपत्ति की नई गाइड लाइन के प्रस्ताव
बायपास, सुपर कॉरिडोर, एबी रोड-राऊ की ओर 25 प्रतिशत दाम बढ़ाए गए हैं। नए प्रस्ताव में दाम 800 से 1500 रुपए वर्गफीट तक किए गए हैं। वहीं, 301 नई कॉलोनियों के दाम 450 रुपए से 1200 रुपए प्रति वर्गफीट खोले गए हैं। बायपास से उज्जैन रोड-सुपर कॉरिडोर प्रॉपर्टी प्रायरिटी एरिया बन गए हैं। इन क्षेत्रों में गाइडलाइन से 3-5 गुना ज्यादा कीमत पर रजिस्ट्री हो रही है। शहर में प्रॉपर्टी के अधिकतम सरकारी दाम अब एमजी रोड रीगल से पलासिया व एबी रोड पर है। यहां प्रॉपर्टी के दाम 9100 से 9345 रुपए प्रति वर्गफीट के आसपास तय किए गए हैं।
नई गाइडलाइन के कुछ नए प्रस्ताव केंद्रीय मूल्यांकन समिति को भेजे जा रहे है। गाइडलाइन पर आम लोगों से आपत्ति या सुझाव 15 मार्च को दोपहर 12 बजे तक मांगे गए है, जिन पर पुन: विचार किया जा सकता है। ठ्ठ बीके मोरे,वरिष्ठ जिला पंजीयक
रजिस्ट्री शून्य कराने की कोशिश
शहर में प्रापर्टी ब्रोकरों को सम्पति निर्माण में रेरा नियम का कड़ाई से पालन करने के शासन ने आदेश दिए हैं। एडवोकेट प्रमोद द्विवेदी का आरोप है कि पंजीयक कार्यालय के अधिकारी रेरा पंजीयन नहीं होने पर छोटे ब्रोकरों को धमका रहे हैं कि उनकी सम्पत्ति की रजिस्ट्री शून्य करा दी जाएगी। भू सम्पदा नियमन और नियम अधिनियम की धारा 88 का हवाला देकर इस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है, जिससे ब्रोकरों में भय का वातावरण बना हुआ है।

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