दोहरी मार: पेट्रोल-डीजल की कीमतों के साथ जीएसटी बढ़ाने की तैयारी
कीमतें कम रखने को लेकर दूसरे रास्तों से पैसा लाने की तैयारी
नई दिल्ली (ब्यूरो)। कच्चे तेल की कीमतों में लगी आग और रुपये के बड़े तूफान में फंसने के बाद अब सरकार के सामने पेट्रोल-डीजल की महंगाई रोकने का दूसरा मार्ग भी तलाशा जा रहा है। इसके लिए जीएसटी बढ़ाने पर भी निर्णय लेने की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार इस घाटे को कई और माध्यमों से पूरा करने को लेकर लग गई है। रिजर्व बैंक ने भी रुपये का हाथ थामने से पीछे खिसकने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में महंगाई का बम हर क्षेत्र में फूटता हुआ दिखाई देगा। जहां सरिया, सीमेंट सहित घर में लगने वाले सामानों की कीमतें 20 प्रतिशत तक उछलने जा रही है वहीं लोगों ने खाने का तेल का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है रूस-यूक्रेन जंग का असर लम्बे समय रहेगा। शेयर बाजार में विदेशी निवेशक तेजी से पैसा निकाल रहे हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी से जंग चल रही है। अमेरिका ने रूस पर कई आर्थिक कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके चलते रूस से आयात होने वाले सामान पर बड़ा असर दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर विश्व में तेल की 20 प्रतिशत खपत रूस से होती है। तेल देश इतना उत्पादन नहीं कर सकते, इसलिए कच्चे तेल के भाव 140 डॉलर के लगभग बने रहेंगे। वहीं खाद्य तेल का आयात भी रुकने के बाद तेलों की कीमतों में अब अच्छाखासा उछाल दिखाई देगा। 20 प्रतिशत भाव पहले ही उछल चुके हैं। इधर दूसरी ओर भारत में दोहरी मार दिखाई देने लगेगी। सरकार तेल के घाटे को पूरा करने के लिए जीएसटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जिससे तेल की कीमतों का संतुलन बनाकर रखा जा सके। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारों ने भी जून में जीएसटी की क्षतिपूर्ती योजना समाप्त होने के बाद इसे और बढ़ाने की मांग की है। साथ ही अपनी हिस्सेदारी भी बढ़ाना चाहते हैं। आने वाले दिनों में जीएसटी को लेकर राज्यों और केन्द्र में बड़ी खींचतान दिखाई देगी। वहीं आज भी शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा। रुपया भी 77 के आसपास बना रहा।