सेटेलाइट हिल्स के प्लाट होल्डरों ने किया संघर्ष समिति का गठन

फालोअप: जमीन के जादूगर चंपू अजमेरा की काली करतूतों के खिलाफ

इंदौर। खंडवा रोड़ स्थित विवादास्पद सेटेलाइट हिल्स के प्लाट होल्डरों ने अब संघर्ष समिति का गठन कर लिया है और जल्द ही वे कलेक्टर से मिलकर मौके पर ही पजेशन दिलाने की मांग करने जा रहे हैं ताकि कुख्यात जालसाज और भूमाफिया चंपू अजमेरा के आतंक से मुक्ति मिलने के साथ ही उन्हें अपने प्लाट भी मिल सके।
उल्लेखनीय है कि जमीनों के जादूगर के रुप में कुख्यात हो चुके और १६ ताड़ियों की हवा खा चुके चंपू अजमेरा द्वारा काटी गई सेटेलाइट हिल्स के प्लाट धारकों को डेढ़ दशक बाद भी अपने प्लाटों पर कब्जा नहीं मिला है। इस मामले में मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है, लेकिन प्लाट धारकों को अभी भी राहत नहीं मिल सकी है। हद तो यह है कि हाल फिलहाल जमानत पर बाहर आये अजमेरा ने अपनी आधी जमीन कुछ बड़े भूमाफियाओं को बेच दी है तो छोटे प्लाट धारकों को खुलेआम चेलेंज कर दिया है कि वे चाहे तो सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। ‘मैं अपनी मर्जी का मालिक हूं…और जो मन में आयेगा वहीं करूंगा। मेरे रास्ते में आने वालों को निपटाना भी मुझे आता है। इसके चलते रजिस्ट्री के बाद भी छोटे प्लाट धारक प्लाट पर कब्जे के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे हैं, लेकिन आज भी उन्हें न्याय नहीं मिला है।
कई प्रकरण चल रहे हैं चंपू पर
यहां यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि चतुर चालाक और शातिर खोपड़ी चंपू अजमेरा का इतिहास ना केवल पुलिस प्रशासन को आला अधिकारियों को मालूम है बल्कि उसके खिलाफ कई मामले भी दर्ज हैं। यही वजह है कि कई मामलों में यह फरार भी रह चुका है। कुछ समय पहले इसे गिरफ्तार किया जाएगा और हाल फिलहाल यह जमानत पर है। मजेदार बात तो यह है कि १६ ताड़ियों की हवा खाने के बाद भी इसके अकड़ खत्म नहीं हुई और यह प्लाट के पैसे लेने के बावजूद उन्हें कब्जा नहीं दे रहा है।
छोटे प्लाट होल्डरों ने बनाई संघर्ष समिति
जमीन के जालसाज चंपू अजमेरा की मनमानी से त्रस्त छोटे प्लाट होल्डरों ने अपने प्लाटों पर कब्जा पाने के लिए गत दिवस संघर्ष समिति का गठन किया है। इस संघर्ष समिति में लगभग ढाई सौ प्लाट धारक शामिल हैं। जल्द ही यह प्लाट धारक कलेक्टर से मुलाकात करने जा रहे हैं। इस दौरान प्लाट धारक यह मांग करेंगे कि वे खुद शिविर लगाकर प्लाट धारकों को मौके पर ही उनके प्लाट का कब्जा दिलवाये।

जमानत आगे बढ़वाने के लिए रोज कर रहा नई-नई फिदरत
यहां यह प्रासंगिक है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा चंपू अजमेरा के ३१ मार्च तक का समय दिया गया है। साथ ही यह निर्देश दिये गये हैं कि वह इस समयावधि में सेटेलाइट हिल्स के साथ ही कालिंदी गोल्ड, फिनिक्स एवं पुलक सिटी में सभी प्लाटों के मामलों का निपटारा कर दे अन्यथा उसकी जमानत निरस्त कर दी जाएगी। बावजूद इसके कतिपय विधि विशेषज्ञों की सलाह पर चंपू अजमेरा इस मामले को लगातार टाल रहा है ताकि वह अपनी जमानत अवधि को आगे भी बढ़वा सके। इस दौरान वह छोटे प्लाट धारकों को बेदखल कर उनके प्लाटों को महंगे दामों पर अन्य लोगों को बेचने की साजिश को अंजाम देना चाहता है।

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