सुलेमानी चाय-जेल में नामंजूर हो रही थानों में मंजूर होने वाली सिफारिश, खजराना की मिट्टी से उबालें मार रहे नेता, मंजूर की मंजूरी से नहीं डला वीडियो,चाय के वांदे हैं, पैसा कौन दे

जेल में नामंजूर हो रही थानों में मंजूर होने वाली सिफारिश
कॉंग्रेस की नैया से फुदकी मारकर बीजेपी के खेवनहार बने सिंधिया अपने प_ों को सत्ता सुख दिलाने में कामयाब रहे। इसके बाद बारी आती है उन प_ों के प_ों की जिन्होंने बीजेपी के छोटे नेताओ का हाजमा बिगाड़ रखा है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों को भी परेशान कर रखा है। हम बात कर रहे हैं तुलसी के आंगन के उस दीपक की जो कि भू माफियाओं को थाने में पेश कराने से लेकर कोर्ट और जेल तक का ठेका ले रहे हैं, और जिसकी अच्छी खासी रकम भी वसूल रहे हैं। हाल ही में इन दीपक बाबू ने चंदन नगर के कुछ भू माफियाओं को पेश कराया है। दीपक बाबू थाने और कोर्ट में कुछ हद तक तुलसी की खुशबू बिखेरने में कामयाब हो रहे है, लेकिन जेल आने के बाद तुलसी की खुशबू बैरक के अंदर नहीं पहुंचा पा रहे, वही वी आई पी सुविधा की उम्मीद रखने वाले इन भू माफियाओं के साथ साधारण व्यवहार हो रहा है। आधिकारी भी तुलसी की डब्बी जेब में लिए घूमने वाले इन नेताओं से खासे परेशान हैं। और दबी जुबान में कहते हैं कि इतना परेशान तो बीजेपी के प_े भी नहीं करते थे जितना कि ये उल्लू के पट्ठे करते है।


खजराना की मिट्टी से उबालें मार रहे नेता
खजराना की मिट्टी में पला बच्चा नेतागिरी की घुट्टी पी कर बड़ा होता है, उसमें कोई गुण हो न हो नेतागिरी का गुण जरूर होता है, खजराना के नेताओं की काबिलियत पर कोई शक नहीं कर सकता, इसका जीता जागता सबूत हाल ही में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग में हुए प्रदेश प्रभारियों की नियुक्तियां हैं, प्रदेश में 12 नियुक्तियां हुई है, जिसमें से 6 इंदौर से और उनमें से भी, चार सिर्फ खजराने से हैं, इन चार में से दो की तो जितनी तारीफ की जाए कम है, पिछले निगम चुनाव में एक भांजे ने जहां मामू को परेशान किया था वही दूसरे ने लक्की को कांग्रेस के लिए अनलकी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, दोनों प्रभारी महोदय कांग्रेस आलाकमान को ठेंगा दिखाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़े थे, खुद तो डूबे ही दोनो वार्डो से कांग्रेस को डुबो आये थे। जहां लकी अपनी हार का ठीकरा इनके सिर फोड़ते हैं, वही पिछले चुनाव के बाद से मामू भी इन्हीं के कसीदे पढ़ते रहते है।
मंजूर की मंजूरी से नहीं डला वीडियो
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के भोले भाले नगर अध्यक्ष मंजूर अहमद की फेसबुक आई डी बार-बार हैक हो जाती है, और वह हमेशा फेसबुक पर आकर उसका खंडन करते रहते हैं, पिछली बार भी एनआरसी के समय उनके ओरिजिनल लेटर पैड से उनका इस्तीफा वायरल हुआ था, लेकिन दूसरे दिन फेसबुक पर ही उन्होंने इस दावे का खंडन कर फेसबुक आईडी हैक होने की बात कही थी, इस बार भी करीब आधे घंटे उनकी फेसबुक आईडी पर एक अश्लील वीडियो अपलोड रहा, जब वीडियो वायरल हुआ तब बड़े नेताओं ने मंजूर अहमद को चेताया तब कहीं जाकर मंजूर ने फेसबुक आईडी हैक होने की बात कही, अब सच्चाई तो मंजूर ही जाने की वीडियो मंजूर की मंजूरी से आया या हैकर की मंजूरी से।
चाय के वांदे हैं, पैसा कौन दे
शहर के भाजपा नेता इन दिनों बड़े परेशान हैं। पार्टी का आदेश है कि पैसा उगाकर दो। पार्टी को इंदौर से दस करोड़ का लक्ष्य मिला है, इस हिसाब से शहर के मुस्लिम इलाके जिनमे खजराना, आज़ाद नगर, चंदन नगर, सदर बाजार, माणिकबाग रानीपुर, बम्बाई बाज़ार सभी को भी बड़ा आंकड़ा दिया गया है। भाजपा के मुस्लिम नेताओं की हालत यह है कि कोई इन्हें चाय नहीं पिलाता, पैसा कौन दे? पहली बार में ये पार्टी द्वारा दिया गया लक्ष्य पूरा नहीं कर पाए तो दूसरा लक्ष्य मिला कि चलो कार्यकर्ताओं से पैसा इक_ा करके दो। खजराना में जो भाजपा के नामी नेता हैं, वो खुद जाकर पार्टी कार्यालय में रकम दे आए हैं, वही छोटे कार्यकर्ता मुश्किल में हैं कि क्या करें, खजराने से फिर भी 12 से 15 लाख जमा हो सकते है, क्योंकि वहां अवैध गार्डन, भू माफिया, वक्फ घोटाले जैसे रेले बहुत है, लेकिन अगर शहर के दूसरे हिस्सों की बात करे तो पांच पांच, लाख भी हो जाय तो गनीमत है। पहले ही मुस्लिम लोग भाजपा को पसंद नहीं करते। भाजपा को पैसा देने की बात पर तो एकदम भड़क सकते हैं, वैसे ये बेचारे छुटभैया नेताओ के समझ मे आ चुका है विधायक के साथ फोटो खिंचवना है तो कीमत यही है कि पैसा दो। टीआई को फोन लगवाने का शौक है, तो पैसा दो।
-9977862299

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