सुलेमानी चाय-टंकी के नीचे नौटंकी…घर चलो, घर घर चलो में घर से बाहर हो रहे नेता….दो नावों में सवारी कर रहे खजराना के नेता…अच्छे काम का बुरा नतीजा

टंकी के नीचे नौटंकी…

शहर के रानीपुर दौलतगंज वार्ड 60 के पूर्व पार्षद इफ्तेखार मुन्ना अंसारी की सबसे बड़ी उपलब्धि पानी की टंकी है। इस टंकी से बराबर पानी आ रहा है लेकिन मुन्ना चाहते है कि इससे वोट आए। लेकिन पिछले दस सालों से तो उसमें पानी ही आ रहा है। मुन्ना अब भी कोशिश में हैं कि इस टंकी में से वोट निकल आये। यही सोच कर मुन्ना ने एक अदबी नशिस्त टंकी के नीचे सजा डाली। हालांकि रानीपुरा शायर और शायरी के लिए जरखेज इलाका है। लेकिन मुन्ना द्वारा सजाई महफ़िल फ्लॉप साबित हुई। दो बार से हार का स्वाद चख रहे मुन्ना शायद लोगों को करीब से टंकी दिखाना चाहते हो इसलिये उर्दू स्कूल का चयन किया गया था। मुन्ना बहुजन समाज पार्टी से 3 नंबर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके है। राजनीतिक फायदे के लिए लगाए गए इस जमावडे को अगर उर्दू अदब की खिदमत के लिए सजाया जाता तो टंकी के नीचे भी तारीख लिखी जा सकती थी। हालांकि इस आधुनिक दौर में नौटंकी पसंद नही की जाती। लेकिन ये भी सच है कि उम्मीद पे दुनिया कायम है। टंकी से वोट नही निकले तो नौटंकी ही सही।


घर चलो, घर घर चलो में घर से बाहर हो रहे नेता
लंबे अरसे से सुस्त पड़ी कांग्रेस में फिर से हलचल पैदा करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने घर चलो घर घर चलो अभियान शुरू किया। अभियान से कांग्रेस में कुछ खलबली तो हुई, लेकिन फिर भी अंदरुनी कलह सामने दिख रही है जिसमें खजराना के वार्ड 38, 39 में जहां इकबाल खान की मौजूदगी गैरमौजूदगी के बराबर रही। वहीं बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो चुके पूर्व पार्षद उस्मान पटेल कांग्रेस के इस अभियान में कहीं नजर नहीं आए। वैसे तो उस्मान एनआरसी के भूत से परेशान हो कर बीजेपी से गायब हो गए थे, लेकिन अब डर की कोई बात नही।


दो नावों में सवारी कर रहे खजराना के नेता
शहर में खजराना के नेताओं की जितनी तारीफ की जाए कम है। हाल ही में एक नेताजी तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों नावों पर सवारी कर रहे है। अभी कुछ अरसे पहले ही एक नाव से फुदक कर दूसरी पर सवार हुवे थे, लेकिन अब फिर से उसी पार्टी की सवारी आ रही है जिस वजह नेताजी ने दूसरा पैर पुरानी नाव में रख लिया है और लगातर बाबा के मोहल्ले के चक्कर पे चक्कर लगाए जा रहे है। जिससे वह फिर से भाजपा कार्यालय की सीढ़ियां चढ़ सके। इसी कड़ी में अगर भाजपा कार्यालय के नारद मुनियो की बात पर विश्वास करें तो नेताजी समर्पण निधि के लिये भी समर्पित हो चुके है और अच्छी खासी राशि भी दे चुके है, जिससे कि उनकी राहें आसान हो सके।
अच्छे काम का बुरा नतीजा
खजराना में व्यापारी एसोसिएशन है और इसने हमेशा अच्छा काम ही किया है। कभी किसी विवाद में नहीं पड़ी। समाज का भला किया। कोरोना में भी खूब काम किया। पुलिस से तालमेल अच्छा रखा और प्रशासन के जरिये भी लोगों को राहत दिलवाई। मगर इसके एक पदाधिकारी ने इस अच्छे काम में कुछ ज्यादा ही वक्त देना शुरू कर दिया है। नतीजा यह हुआ है कि उनकी खुद की दुकान पर नुकसान हो रहा है। बड़ी दुकान से पहले छोटी दुकान हुई और अब छोटी दुकान भी आधी हो गई है। घर वाले कुछ नहीं बोलते कि चलो पैसा नहीं कमा रहे तो क्या सवाब तो कमा रहे हैं। मगर दिक्कत यही है कि सवाब से बिजली का बिल नहीं भराता और दुकान का किराया नहीं निकलता और दीगर ज़रूरतें भी पूरी नहीं होतीं। साथी लोग समझाते हैं मगर उन्हें जनसेवा का भूत चढ़ चुका है।

-9977862299

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