युद्ध शुरू होते ही विश्व के बाजारों में भारी गिरावट कच्च तेल 100 डॉलर के पार, शेयर बाजार तबाह
अब पेट्रोल-डीजल सहित खाद्य तेलों में उछाल आएगा, सोना 1000 रुपए महंगा हुआ
नई दिल्ली (ब्यूरो)। रूस द्वारा आधी रात यूक्रेन के 5 शहरों पर एक साथ किए गए हमले और राजधानी कीव के विमानतल पर कब्जा किए जाने के बाद पूरे विश्वके बाजारों में हड़कम्प मच गया है। सभी देशों में शेयर बाजारों पर इसका बुरा असर दिखाई दिया है। भारत में भी सुबह बाजार खुलते हुए 1900 अंकों की गिरावट के साथ बाजार में भारी तबाही मची है। पिछले 10 दिनों में निवेशकों के 20 लाख करोड़ रुपए घट गए। इसी के साथ बाजार में निवेशकों को डर भी सताने लगा है।
इधर युद्ध शुरू होते ही सोना 20 डॉलर तक महंगा हो गया। भारत में एक हजार रु. तक की तेजी दर्ज की गई। इसी के साथ आने वाले समय में खाने के तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भारी वृद्धि लगभग तय दिखाई दे रही है। कच्चा तेल भी आज 100 डालर के पार पहुंच गया है। यदि 10 दिन भी युद्ध चला तो कोयला भी महंगा हो जाएगा। बिजली की कीमतें बढ़ जाएंगी।
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध का असर विश्व की आर्थिक गतिविधियों पर भी दिखाई देने लगा है। दुनियाभर के शेयर बाजार झटके लेने लगे हैं। भारत की बात करें तो रूस और यूक्रेन दोनों से ही कारोबारी संबंध हैं। रूस से हथियार खरीदता है तो भारत दुनिया का कोयले का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। भारत रूस और यूक्रेन से खाद और धातुओं का आयात करता है। दोनों के ही भाव में वृद्धि देखी जा रही है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के चलते पिछले 111 दिनों से पेट्रोल-डीजल के भाव में वृद्धि रुकी हुई है।
20 सैकंड़ में 1900 अंक का गोता लगाया
आज बाजार खुलते ही मात्र 20 सैकंड़ में बीएसई सेंसेक्स 1900 अंक गिरावट के साथ 55,418 के स्तर पर खुला। शुरुआती कारोबार में यह 55,375 अंक नीचे गया। एनएसई का निफ्टी भी 367.35 अंक यानी 2.15त्न की गिरावट के साथ 16,695.90 अंक पर कारोबार कर रहा है। निवेशकों को शुरुआती मिनट में 8 लाख करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। सेंसेक्स में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 247.18 लाख करोड़ रुपए है जो कल 255 लाख करोड़ रुपए था। बाजार का रुख इसी तरह रहेगा।
डालर मजबूत होगा, रुपया गिरेगा
युद्ध का असर पूरे विश्व की करेंसी पर भी दिखाई देगा। जो देश अमेरिका के डालर पर आश्रित है उनकी कीमतों में कमी दिखाई देगी तो वहीं डालर और मजबूत होता हुआ दिखाई देगा। इसका असर आयात और निर्यात पर भी दिखाई देगा।