सुलेमानी चाय -खिजाब पर पूछ लो, हिजाब पर नहीं..

 

खिजाब पर पूछ लो, हिजाब पर नहीं…
किसी भी मुस्लिम भाजपा नेता से आप किसी विवादित मुद्दे पर जब कुछ पूछते हैं, तो बेचारे की घिघ्घी बंध जाती है। अगर कौम की तरफ बोला तो पार्टी में शिकायत हो जाएगी और पार्टी की तरफ बोला तो कौम में जवाब देना पड़ेगा। इसलिए जब कोई पत्रकार पूछता है कि एनआरसी पर बोलो, तीन तलाक पर बोलो, हिजाब विवाद पर बोलो, तो बेचारे खुद हिजाब के पीछे चले जाते हैं।  हंस कर कहते हैं पार्टी भी बार बार हमारी जान आफत में डालती है,अल्ला अल्ला करके एक मुद्दे से पीछा छुड़ाते है तो दूसरा भूत हमारे पीछे छोड़ देती है।  एनआरसी के मामले में जो मुस्लिम नेता जोश जोश में पार्टी लाइन क्रास कर गए वो अब तक पछताते हैं। उस समय जिन मुस्लिम नेताओं ने मुंह में दही जमा रखा था, अब वे ही टांग खींचते हैं कि ये तो पार्टी का गद्दार है, ऐसे मामलों में बेचारे ना घर के रहते है ना घाट के।
थाने में सुबह से शाम तक के मेहमान…
खजराना के एक बड़े कांग्रेसी नेता के भाई का प्रापर्टी के मामले में किसी से विवाद हो गया। भाई ने भाई का साथ दिया। मगर भाई हक पर नहीँ था। हक पर वो था जिससे भाई का विवाद हुआ था। इस मामले में खजराना टीआई ने कांग्रेस नेता को थाने बुलाया और बैठाए रखा। शाम तक नेता जी बैठे रहे। अंत में समझौता हुआ और माफीनामा लिखकर ही बात खत्म हुई।  वो नेता कौन था, ये आप टीआई साहब से पूछ सकते हैं।
शेख अलीम की जड़ पाताल तक है…
जिस मज़बूत पेड़ की जड़ें गहरी होती हैं, उस पेड़ को कोई हिला नहीं सकता। पिछले दिनों कांग्रेस के कुछ पार्षद दही लेकर भोपाल पहुंचे थे। दही पिलाने की पुरजोर कोशिश भी हुई। मगर शेख अलीम अल्पसंख्यक विभाग में प्रदेश के मुखिया का  पद डंके की चोट पर ले आए। भोपाल ही नहीं, उनकी जमावट दिल्ली तक है और जब किसी बड़े नेता के सामने अलीम का नाम आता है, तो वो इंकार नहीं कर पाता,अब देखना ये है कि अलीम दही वाले नेताओं को माफ करते है, या कुछ और, क्योंकि फिलहाल गेंद तो अलीम के बल्ले पर है।
सीएसपी ने भगाया सेटिंगबाजो को..
नए आए खजराना सीएसपी ने जब देखा कि कुछ लोग दिन भर थाने पर ही डला रहते है, तो उससे पूछा कि आप कौन और यहां क्या करते रहते हो? फिर हकाल दिया कि इधर ज्यादा आने की ज़रूरत नहीं है। दरअसल खजराना में कुछ लोग पुलिस से ऐसे चिपके रहते हैं जैसे गुड़ के साथ मक्खी। जो भी पीड़ित थाने आता है, उसे पहले ये लोग लपकते हैं और फिर पुलिस की जजमानी करते हैं। पहले बोरवेल की खुदाई में भी इनका हिस्सा होता है। एक  एक का  हजार रुपया बंधा हुआ है। लॉकडाउन में भी  इन्होंने अच्छा माल छाप लिया है। ये कौन है खजराने वाले इनसे अच्छे से वाकिफ है।।
-9977862299

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.