प्रतिबंध के बाद भी खूब उपयोग हो रहा तंदूर

तंदूर के धुएं में उड़ रहे नियम कायदे

इंदौर। शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स को सुधारने के लिए जिला प्रशासन ने दो माह पहले तंदूर पर प्रतिबंध का आदेश निकाला था, मगर यह आदेश सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया। शादी समारोह में तंदूर का उपयोग बड़ी तादाद में किया जा रहा है। इन दिनों शहर में ऐसा कोई शामियाना नहीं जहां तंदूर में पक कर गरमा गरम तंदूरी रोटी का लुफ्त न उठाया जा रहा हो।
शहर में दो माह पहले सभी जगह लकड़ी और कोयले के उपयोग को पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया गया था। दुकानों पर उपयोग होने वाले तंदूर और भट्टियां तो नगर निगम ने बंद करवा दी। मगर शादी समारोह में तंदूर का उपयोग अभी भी बे रोक टोक किया जा रहा है। हर शादी में दो से चार तंदूर का उपयोग बे ख़ौफ़ हो रहा है। इन शादी समारोह में नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों की फ़ौज भी शिरकत कर रही है। जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधि भी दूल्हा दुल्हन को आशीर्वाद देने शादियों में शामिल तंदूरी रोटी का स्वाद चख रहे है। बावजूद इसके अभी तक किसी भी समारोह में किसी भी आयोजक पर किसी भी प्रकार की न तो कार्रवाई की गई और नही किसी प्रकार का जुर्माना।
स्वच्छता का पंच लगाने के बाद नगर निगम ने शहर को एक बार फिर देश में नंबर वन बनने की जोर शोर से तैयारी शुरू कर दी है। जिसके तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसको लेकर हर एक उस जगहों पर ध्यान दिया जा रहा है जहां पर लकड़ी ओर कोयले का इस्तेमाल किया जाता है। शहर में ऐसे बहुत से होटल रेस्टोरेंट है जहां पर लकड़ी ओर कोयले से खाने के आयटम बनाए जाते है। इन पर प्रतिबंध तो लगा दिया मगर किसी भी प्रकार की सख्ती नही की जा रही है। जिससे हर एक शादी में तंदूर का उपयोग किया जा रहा है। शादी में आने वाले मेहमान और मेजबान तंदूर से बने व्यंजनों का लुफ्त बड़े मजे से ले रहे है।
स्वादिष्ट व्यंजन और इनोवेशंस के लिए देश भर में मशहूर शहर की 56 दुकान स्ट्रीट फूड पर इसकी शुरुआत जोर शोर से की गई थी। जिसके तहत कोयले और लकड़ी से जलने वाली भट्टी और तंदूर का इस्तेमाल यहां पर पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसकी जगह नेचुरल गैस, एलपीजी और इलेक्ट्रॉनिक कुकिंग उपकरणों से ही खाद्य सामग्री तैयार कर परोसी जा रही है।

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