अतिक्रमण की चपेट में है शहर का सबसे पुराना सियागंज बाजार

सड़क के दोनों तरफ 18-18 फीट तक टीन शेड के कब्जे-

इंदौर। शहर को मध्यप्रदेश में आर्थिक राजधानी का दर्जा दिलाने वाला मुख्य सियागंज बाजार अतिक्रमण की चपेट में है। यहां पर सड़क के दोनों तरफ 18 फीट तक का अतिक्रमण हो चुका है। जिस पर न तो नगर निगम की निगाह है न ही जिला प्रशासन का ध्यान। वहीं यातायात विभाग वाहनों पर चालानी कार्रवाई करने में ही लगा रहता है, जिससे यह पर वाहन चालक आपस में उलझते रहते हैं। यातायात बिगड़ने के पीछे मूल कारण बड़ी मात्रा में लोडिंग और अनलोडिंग वाहनों की आवाजाही भी है। सड़क के दोनों तरफ कच्चे शेड सरकारी जमीन पर बने हुए है। इनकी लीज भी निरस्त हो चुकी है। नगर निगम चाहे तो इसे हटाकर पूरा रोड खोल सकती है। इससे शहर के बीच एक ओर स्टेशन जाने के लिए लंबा चौड़ा रोड मिल जाएगा।

जिला प्रशासन शहर में यातायात को सुचारू रूप से चलायमान रखने के लिए हर तरफ से सड़क चौड़ी करने के लिए पुराने से भी पुराना अतिक्रमण तोड़ रहा है। इन दिनों शहर में हर तरफ अतिक्रमण हटवाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है। कई जगहों से तो निगम द्वारा बनाए गए मार्केट को भी तोड़ दिया, वही कुछ मार्केट के व्यापारियों को नोटिस दिये जा चुके हैं, मगर सियागंज की सड़कों पर सीना ताने खड़े अतिक्रमण पर जिला प्रशासन की नजर कब पड़ेगी, इस पर सभी चुप्पी साधे हैं। इनकी चुप्पी जब तक नहीं टूटेगी तब तक यहां पर यातायात समस्या इसी तरह बनी रहेंगी। शहर का सबसे पुराना सियागंज बाजार का यातायात हमेशा बदतर हालात में रहता है, जिससे लगता है कि इस पर काबू पाना मुश्किल है। यहां पर रोजाना वाहन गुत्थमगुत्था होती रहती है। सियागंज में एक हजार से ज्यादा कारोबारी हैं, जिनका माल रोजाना लोडिंग वाहनों में आता-जाता है और इसकी शुरुआत सुबह से ही हो जाती है जो देर रात तक चलता रहता है।
फुटपाथ पर सामान
सबसे पुराना बाजार होने के कारण यह पर पहले जगह भी बहुत थी। मगर समय के साथ यहां पर जिला प्रशासन की लापरवाही से अतिक्रमण का मगरमच्छ मुंह फैलाए जा रहा है। दुकानदार धीरे-धीरे कर आगे बढ़ते जा रहे हैं, जिससे यहां पर दुकान के बाहर शेड फिर उसमें सामान फिर शेड के पास फुटपाथों पर सामान रखा जा रहा है। कई जगह पर फुटपाथ पूरी तरह बंदकर टीनशेड लगा दिए गए है, जबकि यह जमीन पूरी तरह सरकारी होकर नगर निगम के अधीन है। इसके बाद दुकान के बोर्ड की आड़ में भी सामान का डिस्प्ले कर जगह रोक दी जाती है। ऐसे में दुकानदार और उनके यहां काम करने वाले कर्मचारियों के वाहन पार्क हो जाते हैं।
20 फुट अतिरिक्त सड़क मिल सकती है
नगर निगम यदि यहां से सड़कों पर बने शेड हटाना शुरू कर दे तो 20 फीट सड़क मिल सकती है। यह सभी जगह कच्चे निर्माण ही व्यापारियों ने कर रखे है। व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम पहले ही यह जमीन लीज निरस्त कर ले चुका है। किसी भी दिन कार्रवाई हो तो उन्हें कोई असर नहीं होगा। वैसे भी मकानों के नीचे दो तल मंजिल में बिना अनुमति निर्माण किए जा चुके है।

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