पुराना सिंडिकेट खत्म,नए ठेकेदार मैदान में कूदे

बिना हेरिटेज शराब नीति के दुकानें नीलाम हो गई

इंदौर। अंतत: जिले की शराब दुकानों की निलामी प्रक्रिया कल पूरी हुई। जिसमें जिले की 173 शराब दुकानों में बने 64 में से 26 ग्रुपों के टेंडर खोले गए। इस बार शराब सिंडिकेट जो दो साल से कायम था वह ध्वस्त हो गया। इस बार कई जगह पर शराब के ठेके लम्बे समय से शराब कारोबार में हाथ आजमाने वाले ले गए। हालांकि सरकार को तय 425 करोड़ की अपेक्षा 5 सौ 4 करोड़ यानि 80 करोड़ रूपए ज्यादा मिले है। बचे हुए 38 ग्रुप के लिए अब 15-16 फरवरी को फिर टेंडर खुलेंगे। हालांकि सरकार ने शराब की दुकानों की निलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है, वहीं दूसरी और अभी तक हेरिटेज शराब को लेकर कोई नीति तैयार नहीं की है।
शराब को लेकर सरकार की नई नीति में जहां इस बार आम पीने वालों को शराब सस्ती मिलेंगी वहीं शराब बेचने वालों के लिए ठेके मंहगे हो गए है। इस बार भी कई दुकानें पूराने ठेकेदारों के पास ही रही। दुधारू दुकानों पर इस बार भी पूराने ठेकेदारों ने पूरी ताकत लगा दी। हालांकि पिछले बार के कई ठेकेदार इस बार कम दुकान उठा पाए। इस बार स्कीम नम्बर 54 क्षिप्रा की दुकानें अनिता लिकर्स और दिप्ती जयसवाल द्वारा ली गई। इसके अलावा खण्डवा नाका 1, पलासिया में 1, कनाडिया बायपास 12, राऊ 1, रंगवासा 5, माचल 4, कालीबिल्लोद में 5 रेवती 17, ट्रांसपोर्ट नगर 18, एमआईजी 1, धरमपूरी 1, कम्पेल 1, क्षिप्रा 11, आगर में 1, नावदापंथ में 13, खुडैल में 2, गवली पलासिया में 3, निपानिया 8, मॉर्डन चौराहा 1, पिगडम्बर 17, अभिलाष नगर 14, मांगलिया 6, स्कीम नं. 51 में, तेजाजी नगर 1, स्कीम नं. 78 में 6 व पलासिया में 1 दुकान के ठेके हो चुके हैं। यह सभी 151 दुकानें 50 अरब रूपए में गई है।

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