गरीब और गरीब अमीर और अमीर हो गए… बजट स्पेशल रिपोर्ट
कारों के लिए कतारें, दो पहिया के खरीददार नहीं
नई दिल्ली (दोपहर आर्थिक डेस्क)। अब बजट आपकी चौखट पर पहुंच गया है। बजट में दी गई कई राहत और कई फैसले आपको एक साल प्रभावित करेंगे। इस देश में कई योजनाओं पर बैंकों में जमा छोटी बचत का ही उपयोग होता है। परन्तु उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए सबसे पहले यही निशाने पर होते है। देश में अब के शेप की रिकवरी हो रही है। यानि गरीब और गरीब अमीर और अमीर हो रहे है। इसके कई उदाहरण देखे जा सकते है। आज भी लोगों का सबसे ज्यादा भरोसा सोने पर ही है। इस साल सोने की खपत 86 प्रतिशत हो गई है। कारों की खरीदी के लिए लाईनें लगी है तो दो पहिया वाहन के खरीददार नहीं मिल रहे हैं। सस्ते घर के खरीददार नहीं है, 50 लाख से ऊपर के मकान बिक रहे है।
मुम्बई की पिपुल्स रिचर्स कंज्युमर इकोनामिक इंडिया के आईसीई 360-2021 के ताजा सर्वे में दो लोगों से ज्यादा के परिवारों पर किए गए आर्थिक सर्वे में जानकारी इस प्रकार आई हैं कि सबसे गरीब 20 प्रतिशत लोगों की आय 53 प्रतिशत तक घट गई है। यानि 1 लाख 37 हजार रूपए महीने से घट कर 65 हजार रूपए महीने पर आ गई है। इसी प्रकार निम्न मध्यम वर्गीय परिवार की आय भी 32 प्रतिशत तक घट गई है। दूसरी ओर दो पहिया वाहनों की बिक्री 8 साल के न्यूनतम स्तर पर है। जो बता रहा है गरीब परिवार की आय नहीं बढ़ी है और न ही देश में नौकरियां बढ़ी है। इस समय बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। यानि नौकरियां पैदा नहीं हो रही है। इधर वर्ल्ड गोल्ड कांउसिंल के अनुसार सोने की खपत में 86 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल 797 टन सोना बिका है, तो वहीं सोना गिरवी रखने वालों की संख्या में 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 65 हजार करोड़ का सोना बैंकों में ही गिरवी रखा डूब गया है। इधर अमीरों के बने मकान खुब बिक रहे हैं, सीएमआई के अनुसार 20 से 30 लाख तक के मकान के खरीददार नहीं मिल रहे है। वहीं 50 लाख से ऊपर की खरीददारी अच्छी खासी है। वहीं जीएसटी का आंकड़ा भी बढ़ने का मुख्य कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतें और बढ़े उद्यौगों द्वारा दिए जा रहे टैक्स के कारण है। छोटे उद्यौगों से जीएसटी के आंकड़े में अच्छी खासी गिरावट दर्ज की गई है। सभी आंकड़े सरकार के ही है, इधर सरकार को इस साल 9 लाख करोड़ रूपए केवल लिए गए ऋणों पर ब्याज देना होगा।