सुपर कॉरिडोर पर नया औद्योगिक क्षेत्र बनेगा, 26 कॉलोनियां फिर वैध होगी

इसी साल मिलेगी दोनों अहम निर्णयों पर शासन की हरीझंडी

इंदौर। नया साल शहरवासियों के लिए दो बड़ी सौगातें लेकर आएगा। इंदौर विकास प्राधिकरण से बड़े उद्योगपतियों ने नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिए जमीन की मांग की है। जमीन मिलने के बाद काम शुरू करने की तैयारी की जाएगी। निगम भी अगले कुछ महीनों में कई अवैध कालोनियों को वैध करने की तैयारी में जुट रहा है। सबकुछ शासन की मंशा अनुरूप रहा तो कालोनियां वैध हो जाएगी। नए मास्टर प्लान में इसके लिए जमीन चिन्हित व सुरक्षित रखने की मांग की है।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक श्रोत्रिय और नवागत चेयरमैन जयपालंिसंह चावड़ा से गत दिनों उद्योगपतियों का प्रतिनिधिमंडल मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने शहरहित में मास्टर प्लान 2035 में नवीन औद्योगिक संरचना पर चर्चा करते हुए नए औद्योगिक क्षेत्र बनाने की जमीन आरक्षित रखने की मांग की कहै। एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मध्यप्रदेश ने आईडीए चेयरमेन को उद्योगपतियों के साथ चर्चा करने के अपने फोरम पर आमंत्रित किया है। एसोसिएशन आफ इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष योगेश मेहता ने बताया कि सुपर कारीडोर के आसपास नए मास्टर प्लान के अनुसार औद्योगिक विकास एवं आईटी पार्क तैयार किया जा सकता है। इससे यहां न केवल औद्योगीकरण बढ़ेगा बल्कि विकास के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा। इसके लिए आई. डी. ए. को पहल करना चाहिए। उद्योगपतियों की इस मांग पर जयपालसिंह चावड़ा ने एसोसिएशन को चर्चा के लिए आमंत्रित किया था। चावड़ा ने कहा कि वे जल्दी ही वे योजनाबद्ध तरीके से उनकी मांगों पर कार्रवाई करने का प्रयास करेंगे।
इंदौर। 1999 से 2000 तक जिन प्रावधानों के माध्यम से शहर की 190 अवैध कालोनियों को वैध हो चुकी या वैध हो रही थी, उन्हें कोर्ट के आदेश पर सरकार हटा चुकी है। इसलिए मौजूदा मापदंड के अनुसार ऐसी कालोनियां अभी अवैध ही हैं। निगम उन्हीं कालोनियों को नियमित करेगा, जो 31 दिसम्बर 2016से पहले अस्तित्व में आई थी। सक्षम अधिकारी इस समयावधि से पहले अस्तित्व में आई कालोनियों का सर्वे करके उन्हेें नियमितीकरण के लिए चिन्हित करेंगे। नगर निगम या नगर पालिका में रिपोर्ट देने के पहले सूचना सार्वजनिक करना होगी। कालोनियों के रहवासी संघ भी कालोनियों को वैध करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ये वैध से अवैध- निगम ने गिरधर नगर, श्याम नगर एनेक्स( प्रथम व द्वितीय) पार्श्वनाथ नगर, अंसार नगर, विराट नगर, सागर विहार, राही नगर एक्सटेंशन, विशाल नगर, विश्वकर्मा नगर, सर्वसुविधा नगर, वैभव नगर(एक्सटेंशन), सुख शांति नगर, कंधारी नगर, राधिका कालोनी, एजुकेशनिष्ट कालोनी, दीपक नगर, चौहान नगर और हीना पैलेस कालोनी, जो वैध हैं, उन्हें अवैध घोषित किया है।
प्राधिकरण की स्कीम नंबर 46, 139, 49 के सेक्टर, योजना क्रमांक 38 धारा, बृजविहार कालोनी, योजना क्रमांक 94 सेक्टर जी में स्थित न्यू इंदिरा एकता नगर एवं चौहान नगर का किया गया विस्थापन भी अवैध हो गया है।
सभी शुल्क जमा है- जिन 26 कालोनियों को वैध से अवैध किया गया था, उनमें रहवासी संघों द्वारा सभी तरह के शुल्क जमा कराए जा चुके हैं। इसी तरह 2019 में 164 कालोनियों की सूची बनी थी, उनमें परमाणु नगर, केदारनगर और परमहंस नगर ने भी शुल्क जमा करा दिया था।

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