कोरोना के भय में ही 75 लाख करोड़ का कारोबार को झटका

आने वाले दिनों में कारोबारियों को और भी नुकसान की संभावना

मुंबई (ब्यूरो)। कोरोना की तीसरी लहर के भय के चलते ही 15 दिनों में देश का कारोबार 50 प्रतिशत तक टूट गया है। 150 लाख करोड़ के कारोबार में 75 लाख करोड़ का व्यापार घाटा अभी तक हो चुका है। तीसरी लहर और ओमिक्रान के बढ़ते मरीज के कारण दुकानों पर सामान खरीदने में भारी कमी आ गई है। वहीं व्यापारियों की उधारी भी अब एक बार फिर उलझने जा रही है। इससे आने वाले समय में खुदरा व्यापार को बड़ा झटका लग सकता है।
देशभर में दूसरी लहर के बाद पिछले 6 माह से ही धीरे-धीरे खुदरा कारोबार पटरी पर आने लगा था। दिसंबर में नए वैरिएंट ओमिक्रान के आने के बाद एक बार फिर कोरोना के मरीजों की तेजी से बढ़ रही संख्या ने देश में कारोबार की रफ्तार को फिर लगाम लगा दी है। 15 दिनों में ही 50 प्रतिशत कारोबार का नुकसान दिखाई दे रहा है। यह बात कारोबार पर नजर रखने वाली संस्था सीएआईटी द्वारा जारी की गई है। इसके अनुसार यदि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में कारोबार को और झटका लगना तय है और इसके मुख्य कारण यही है कि कोरोना गाइड लाइन को लेकर व्यापारियों से कोई चर्चा नही ंकी जा रही है। सारे फैसले अधिकारी स्तर पर हो रहे हैं। इससे देशभर में व्यापार को प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है। वहीं दूसरी ओर आसपास के क्षेत्रों से भी व्यापारियों ने सामान खरीदना बंद कर दिया है। पूरे देशभर में इस समय लाकडाउन को लेकर कई कवायद चल रही है। इस मामले में सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि 28 मार्च तक कुछ भी हो जाए लाकडाउन नहीं लगाया जाएगा। इसका मुख्य कारण यह है कि 31 मार्च तक सरकार के खजाने में बड़ी राशि टैक्स के रूप में आती है। पिछली बार इसी लाकडाउन के चलते सरकार को भारी राजस्व घाटा उठाना पड़ा था। 5 राज्यों के चुनाव भी इसमें सहभागी रहेंगे। उल्लेखनीय है कि मार्च से जून 2020 और अप्रैल-मई 2021 में देशभर में लाकडाउन के कारण करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान होने के साथ ही लाखों लोगों की नौकरियां भी उद्योग-धंधे बंद होने के कारण चली गई थी। बुरी तरह से पीट चुका व्यापार अभी तक भी ढंग से पटरी पर नहीं आया है।

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