प्रतिबंध के बावजूद महानगर में धड़ल्ले से बिक रही चायना डोर

केसरबाग में युवती के जख्मी होने के बाद भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक

इंदौर। महानगर के पूरे प्रदेश में चाइना डोर पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद, जगह जगह विभिन्न दुकानों पर चाइना की डोर आसानी से उपलब्ध है और बिक रही है। पिछले दिनों केसरबाग ओवरब्रिज पर एक दुपहिया वाहन सवार युवती के जख्मी होने के बाद भी प्रशास ने कोई सबक नहीं लिया है। इसके चलते कभी भी कोई भीषण हादसा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में पतंगबाजी के शौकिनों के बीच चाइना डोर (मांजे) का क्रेज काफी बढ़ गया है। चूंकि यह डोर काफी मजबूत होती है और धारदार भी इसलिए पतंगबाजी के शौकिनों के लिए यह पहली पसंद है। सामान्य डोर की तुलना में इसकी मांग बाजार में ज्यादा है इस वजह से महानगर के विभिन्न पतंग व्यवसायियों एवं अन्य दुकानों पर भी चाइना डोर बिक रही है। हालांकि इससे होने वाले हादसों को दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टरों द्वारा इसे प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद, चाइना मांझा बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। विगत कई वर्षों में इस मांझे के चलते कई दुर्घटनाएँ हुई और कुछ लोग तो जान भी गंवा चुके हैं। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन की लापरवाही चिंता एवं आश्चर्य का विषय है।
प्रतिवर्ष घायल होते हैं सैकड़ों पक्षी
देखा जाए तो चाइना मांझा नाइलोन का होता है और इससे सर्वाधिक नुकसान पक्षियों को होता है। आकाश में उड़ने वाले परिंदे अक्सर पतंग की डोर में उलझ जाते हैं और बुरी तरह जख्मी होने के साथ कई पक्षी तो दम भी तोड़ देते हैं। इधर चाइनिज मांझे के चलते पतंगबाजी के दौरान विद्युत लाइन में भी फाल्ट हो जाता है। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है।
फाइटर और मोनो काइट डोर की डिमांड ज्यादा
महानगर में पतंग का व्यवसाय करने वालों के मुताबिक चाइना डोर में सबसे ज्यादा मांग फाइटर एवं मोनो काइट की है। कोरोना के कारणऔर कुछ प्रतिबंधों की वजह से इनके दाम भी आसमान छू रहे हैं। फाइटर चाइना डोर जहां ५५० रुपए बंडल है तो मोनो काइट के दाम ४५० रुपए प्रति बंडल है। इसके अलावा ३०० से ३५० रुपए में भी चाइना डोर मिल रही है। बताया जाता है कि एक बंडल में लगभग पांच से छह हजार मीटर डोर होती है।

You might also like