राहत की खबर : अस्पतालों में नहीं जा रहे कोरोना मरीज, 80 प्रतिशत घरों पर ही हो रहे हैं ठीक

राधास्वामी में भी मात्र 91 मरीज, सभी अस्पतालों के आईसीयू खाली

इंदौर। कोरोना संक्रमण की दर ने हजार का आंकड़ा पार करते हुए डेढ़ हजार की ओर पहुंचने के लिए कदम बढ़ा दिए हैं। लगातार मरीज बढ़ने से व्यवस्थाएं सुचारू बनी रहे, इसलिए प्रशासन 80 फीसदी संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखेगा। निजी, शासकीय अस्पताल पूरी तरह खाली पड़े हैं। राधा स्वामी सेंटर में 91 मरीज भर्ती किए गए हैं। यहां हर पांचवें दिन मरीज स्वस्थ होकर घर लौट रहा है, जो शहरवासियों के लिए राहत की बात है। इस बार संक्रमण से लोग 7 दिन के बजाय 5 दिन में ही होम क्वारैंटाइन होकर स्वस्थ हो रहे हैं। जो शहर के लिए राहतभरी खबर है।
नए वर्ष का पहला पखवाड़े चार दिन में पूरा होगा। चार दिन पहले ही मरीजों की संख्या 4 हजार से अधिक पर पहुंच गई है। चार दिन में यह आंकड़ा पांच हजार का आंकड़ा पार कर लेगा। ऐसा हुआ तो शहर को फिर कुछ नई बंदिशों में झोंका जाएगा। बंदिशें क्या होगी, इसे कब लागू किया जाएगा, इस पर निर्णय भी शीघ्र लिया जाएगा। बंदिशों को लगाने से पहले जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों और व्यापारी वर्ग से जिला प्रशासन के अधिकारी विचार विमर्श करेंगे। बंदिशें ऐसी लगाई जाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे किसी को नुकसान न हो सके। यानि, व्यापारी वर्ग को भी फायदा रहे और आमजन भी परेशान न हो। उधर, मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ने की आशंका व्यक्त की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि मरीजों का रोजाना का आंकड़ा भयावह होता जाएगा। आंकड़ा एक दिन में 2 से 3 हजार तक पहुंच सकता है। इतनी बड़ी संख्या में मरीज सामने आने पर प्रशासन के हाथ-पैर फूलने लगेंगे। मरीजों की संख्या अधिक बढ़ने से अस्पताल और राधास्वामी कोविड सेंटर पर दबाव बढ़ने लगेगा।
होम आइसोलेशन से परेशानी
जिला प्रशासन के सूत्रों की मानें तो मरीजों के लिए 12 हजार से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था अस्पताल और सेेंटरों पर की गई है। जिस तरह से संक्रमण फैल रहा है उस मान से करीब पन्द्रह दिनों में 12 हजार से अधिक मरीज सामने आ सकते हैं। ऐसा होने पर अस्पताल और सेंटरों में जगह नहीं होगी। इसलिए प्रशासन होम आइसोलेशन पर फोकस कर रहा है, जो परिजनों के लिए मुसीबत का कारण बनता जा रहा है।
नहीं बन सके कंटेनमेंट झोन
जिला प्रशासन ने संक्रमण रोकने अपने स्तर पर भरसक प्रयास किए हैं, जो नाकाफी साबित हो रहे हैं। कई इलाकों में रोजाना नए मरीज सामने आ रहे हैं। इन इलाकों की जानकारी प्रशासन को होने के बावजूद उन्हेें कंटेनमेंट झोन में तब्दील करेगा, लेकिन इस संबंध में प्रशासन की योजना सफल नहीं हो सकी। कहीं भी कंटेनमेंट झोन नहीं बनाए गए हैं, जिससे मल्टियों में संक्रमण बढ़ता जा रहा है। पूर्व क्षेत्र के महालक्ष्मी नगर, विजय नगर, सुखलिया सहित अन्य क्षेत्र में संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है। इन क्षेत्रों का सर्वे भी स्वास्थ्य विभाग कर चुका है, लेकिन अब तक इन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन में तब्दील नहीं किया गया है।
लोग होम आइसोलेशन में तैयार नहीं
संक्रमित मरीजों का घर पर ही बेहतर इलाज करने की समझाइश प्रशासन दे रहा है। कुछ परिजन इसे अच्छी पहल बता रहा है तो कुछ इसके लिए तैयार नहीं है। लोगों का कहना है कि घर में जगह का अभाव होने से होम आइसोलेशन में इलाज नहीं करा सकते। अधिक बड़ा मकान होने पर भी होम आइसोलेशन में रखना उचित नहीं माना जा रहा, क्योंकि होम आइसोलेट व्यक्ति को भोजन, स्नान के लिए भी दूसरे के सम्पर्क में आना पड़ता है, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है।
शहरहित में दुकान बंद करने को राजी
संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ने से व्यापारियों में दहशत फैलने लगी है। बाहर से माल मंगाना बंद कर दिया है। जो स्टाक पड़ा है, उसे जैसे-तैसे खपाने की तैयारी की जा रही है। इसी बीच, मध्य क्षेत्र के कुछ व्यापारियों ने कल संगमत होकर कहा कि शहरहित में वे सप्ताह में एक-दो दिन दुकान बंद रख सकते हैं। प्रशासन को अपनी मंशा जाहिर कर चुके हैं।

1000 बिस्तर की रहेगी व्यवस्था
वर्तमान में राधास्वामी सेंटर में 650 बिस्तरों के साथ अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाई गई है। यहां लगातार मरीजों के आने का सिलसिला चल रहा है। संक्रमण बढ़ने की आशंका के चलते जिला प्रशासन सेंटर पर बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जाने पर भी विचार कर रहा है। यहां 1000 बिस्तरों की व्यवस्थाएं की जाएगी।

You might also like