नर्मदा के तीन चरणों के बाद भी नहीं बुझ रही महानगर की प्यास
100 करोड़ खर्च करने के बाद भी हर माह मिल रही डेढ़ हजार शिकायतें...
इंदौर। नर्मदा का तीन चरण के बाद शहर में लगभग साढ़े चार सौ एमएलडी पानी आ रही है लेकिन इसके बाद भी महानगर की प्यास बुझ नहीं पा रही है। मजेदार बात यह है कि पेयजल वितरण के लिए सालाना सौ करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी लगभग डेढ़ हजार शिकायतें हर माह आ रही है। हद तो यह है कि एबीडी से लोन और स्मार्ट सिटी से मिले फंड के बाद भी नगर निगम महानगर में मीटरिंग सिस्टम अभी तक लागू नहीं कर पाया है।
उल्लेखनीय है कि महानगर में लगभग ४० लाख से ज्यादा की आबादी है और इसमे से भी अधिकांश लोगों को विभिन्न तालाबों, बोरिंग जैसे जल स्त्रोतों पर निर्भर रहना पड़ता है। शहर के बाहरी इलाकों में अभी भी नर्मदा नहीं पहुंची है और जहां जहां नर्मदा से पेयजल की आपूर्ति हो रही है वहां भी या तो पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है या फिर महज पंद्रह-बीस मिनिट के लिए आपूर्ति की जा रही है। इसके चलते शहर में नर्मदा पेयजल वितरण की व्यवस्था को लेकर अभी भी असंतोष व्याप्त है। पहले कहा जा रहा था नर्मदा का तृतीय चरण पूर्ण होने पर शहर के बाशिंदों को पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरित है। महानगर में नर्मदा के तीसरे चरण के बाद लगभग ४५० एमएलडी पानी आ रहा है, लेकिन इसका समुचित वितरण नहीं होने से समस्या अभी भी बनी हुई है।
सालाना मिलती है निगम को पचास हजार से अधिक शिकायतें
यहां यह प्रासंगिक है कि इंदौर नगर पालिक निगम के पास लिखित में या निगम के एप ३११ पर सालाना पचास हजार से अधिक शिकायतें आती हैं। इनमे से प्रतिमाह डेढ़ हजार से अधिक शिकायतें पानी नहीं मिलने की, १४०० से अधिक शिकायतें गंदा पानी मिलने की, तीन हजार से अधिक शिकायतें ड्रेनेज चोक होने के साथ ही स्ट्रीट लाइट, उद्यान एवं स्वास्थ्य विभाग सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी समस्याएँ होती हैं। बताया जाता है कि निगम द्वारा पेयजल वितरण पर ही एक अरब रुपए प्रतिवर्ष खर्च कर दिया जाता है। इसके बाद भी शहर के लोगों को तीसरे दिन पानी मिलता है और वह भी महज पंद्रह-बीस मिनट के लिए। इसकी वजह से शिकायतें हैं कि कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
किया था २४ घंटे वितरण का वादा और दे रहे दो दिन में...
निगम अफसरों का दावा था कि नर्मदा के तृतीय चरण के बाद महानगर के लोगों २४ घंटे पेयजल का वितरण किया जायेगा, लेकिन यह दावा हवा हवाई ही साबित हुआ। हालात यह हैं कि २४ घंटे की जगह लोगों को दो दिन में एक बार पानी मिल रहा है और वह भी पर्याप्त मात्रा में नहीं।
लो, अब इनकी भी सुन लो…
नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव को जब इस प्रतिनिधि ने महानगर के बाशिंदों को २४ घंटे पानी दिये जाने के वादे की याद दिलाई तो उनका कहना था कि तीसरे चरण के बाद महानगर में २४ घंटे पानी सप्लाय करने की योजना थी। इसके लिए एक वार्ड से शुरुआत भी कई गई थी। लेकिन टैंडर में कुछ खामियों के चलते यह योजना अंजाम तक नहीं पहुंच पाई।अब नये सिरे से रेती मंडी क्षेत्र स्थित वार्ड में ५५०० कनेक्शन पर मीटर से पानी देने की शुरुआत की गई है। यहां पर २४ घंटे जलप्रदाय किया जाना था, लेकिन अपव्यय की शिकायतें मिलने की वजह से फिलहाल पांच घंटे पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। श्री श्रीवास्तव का कहना है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही शहर में मीटरिंग सिस्टम लागू कर २४ घंटे जलप्रदाय किया जाएगा और धीरे धीरे एरियर भी बढ़ाते जाएंगे।