675 अवैध कालोनियों के वैध करने को लेकर एक बार फिर प्रक्रिया शुरू
15 सालों में 5 बार शुरू हो चुकी प्रक्रिया, कई कालोनियां सरकारी और ग्रीन बेल्ट पर
इंदौर। एक बार फिर शहर की सैकड़ों कालोनियों को अवैध से वैध करने को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। पिछले 15 सालों में 5 से अधिक बार इन कालोनियों को वैध करने को लेकर नियम बनाए गए, परन्तु अमलीकरण में कई दिक्कतों के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका। इसमें कई अवैध कालोनियां सरकारी जमीन पर ही बसी हुई है। इसके चलते अधिकारी भी इससे दूरी बनाए रखते हैं। दूसरी ओर एक बार फिर नए नियमों के साथ कालोनियों को वैध करने का प्रारूप बनाया गया है। इसमें अवैध कालोनियों के रहवासियों से विकास शुल्क लिया जाएगा। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इनमें विकास किए जाने को लेकर कई जगह प्लाटों को छोटा भी करना होगा। जबकि, शहर में 50 से अधिक अवैध कालोनियां ग्रीन बेल्ट की भूमि पर भी बस गई है। दूसरी ओर इंदौर नगर निगम में कंपाउंडिंग के सबसे अधिक 2 हजार प्रकरण निराकृत किए गए, जिससे नगर निगम को 50 करोड़ से अधिक की आय हुई है। अवैध निर्माणों की कंपाउंडिंग के लिए 28 फरवरी तक का समय निर्धारित है।
कमलनाथ सरकार ने 596 कालोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू की थी। विकास शुल्क लेकर वैध करने का काम तेजी से किया जा रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार के पतन के कारण योजना विफल हो गई। इसके पहले भी मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अवैध कालोनियों को वैध करने को लेकर कई बार दिशा निर्देश जारी कर चुके हैं। पूर्व में जो भूमाफिया प्रशासन ने चिन्हित किए थे, उसमें भी कई जनप्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों से जुड़े कार्यकर्ता हैं। शहर में करीब 675 कालोनियां अवैध है और 750 के आसपास वैध कालोनियां है। जहां से विकास शुल्क तो लिया जा रहा है, लेकिन सुविधाएं नहीं दी रही है। जनप्रतिनिधियों के अलावा कई बड़े उद्योगपति भी इस गोरखधंधे में जुड़ गए हैं। समय-समय पर इन पर निगम ने कार्रवाई भी की लेकिन फिर भी अवैध कालोनी कटना बंद नहीं हो रही है।
मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट
इंदौर नगर निगम ने 1975 प्रकरण कंपाउंडिंग के स्वीकृत किए हैं। निगम के इस प्रयास की नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने सराहना की। साथ ही कहा कि इंदौर नगर निगम के इस प्रयास का सभी निकायों को अनुकरण करना चाहिए। बिल्ंिडग परमिशन के बिना या परमिशन का उल्लंघन कर बनाए निर्माणों को रेगुलर करने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदकों को इसके लिए 20 प्रतिशत की छूट भी दी जाएगी।
नियमों में बदलाव
नागरिकों के हित में किए गए विशेष प्रयासों से राज्य शासन ने कालोनियों के नियमितीकरण के संंबंध में नियमों में बदलाव किया है। इसमें कालोनियों के नियमितीकरण के वैधानिक प्रावधान शामिल किए गए हैं। साथ ही बिना बिल्डिंग परमिशन के अथवा बिल्डिंग परमिशन के प्रतिकूल बिल्डिंग बनाने पर कंपाउंडिंग सीमा को 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया है, जिससे आवेदकों को लाभ मिलेगा।
यहां कट गई कालोनियां
सूत्रों ने बताया कि सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक में काटी जा रही है। इसके अलावा बाणगंगा, खजराना, चंदननगर, देवासनाका सहित बाहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर विकसित की जा रही है। कालोनी काटने वालों में कई जनप्रतिनिधि शामिल है। यही कारण है कि अवैध कालोनियां खड़ी होने के बाद उन पर कार्रवाई करने से निगम और प्रशासन भी चुप्पी साधे बैठा रहता है।