ताई , भाई के साथ सभी नेता दरकिनार, स्थानीय नेता हुए हताश

ना सुदर्शन चक्र चला... ना गोपी की बांसुरी... ना उमेश के बोल वचन

इंदौर। कई महीने के लंबे इंतजार के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश के निगम मण्डलों, प्राधिकरण में अध्यक्ष, उपाध्यक्षों में कई नेताओं की तैनाती की गई है। इनमें कुछ नेताओं को उपकृत किया है। नियुक्ति की सूची में ज्योतिरादित्य सिंधिया व शिवराज चौहान के समर्थकों की भरमार है जो पहले से ही तय माना जा रहा था। इन नियुक्तियों से इंदौर के कुछ नेता जरूर निराश हुए हैं। पूर्व विधायक सावन सोनकर को सांवेर चुनाव के उपचुनाव का इनाम मिला है। हालांकि वे मुख्यमंत्री के साथ मंत्री विश्वास सारंग की भी पसंद बताए जा रहे हैं। वहीं प्राधिकरण में जयपालसिह चावड़ा की नियुक्ति ने चौका जरूर दिया है। सावन अब भविष्य में सांवेर की राजनीति का चेहरा भी होंगे।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से विद्रोह कर सरकार गिराई थी, तब उनके साथ भाजपा में जाने वाले को सम्मानजनक पद देने का वादा किया गया था जो जीते वे मंत्री बन गए जो हारे उनका अब राजनीतिक पुनर्वास किया गया है। सिंधिया इसके लिए लंबे समय से सक्रिय थे और उन्होंने अपने लोगों को कुर्सी दिलवा ही दी, लेकिन आज घोषित नामों में कुछ नाम चौकाने वाले हैं और इन नामों से कई भाजपा नेताओं के तोते उड़ गए हैं। शहर के कई नेता नियुक्तियों ना केवल चौके, बल्कि उनको खुद के राजनीतिक वनवास की घबराहट भी शुरू हो गई। प्राधिकरण की कुर्सी पर कई नेताओं की नज़र थी। प्रमुख रूप से सुदर्शन गुप्ता, गोपी नेमा, मधु वर्मा व उमेश शर्मा, हरिनारायण यादव, इसकी दौड़ में शामिल थे लेकिन ना सुदर्शन चक्र चला, ना गोपी की बांसुरी, ना उमेश के बोल वचन। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कोई भी नेता अपने समर्थकों को कुर्सी नहीं दिला पाए।
तीन तरह के लोगों का ध्यान
घोषित नामों से एक बात साफ है कि इसमें तीन तरह के लोगों का ही ध्यान रखा गया है। एक सिंधिया समर्थक, दूसरे नम्बर पर संगठन मंत्री रहे जिन्हें पद से हटाया गया था। वहींं राजनीतिक पुनर्वास में तीसरे नम्बर पर वे जिन्हेंं पार्टी संगठन में जगह नहीं मिल पाई थी। पूर्व में संगठन मंत्री की गुपचुप शिकायतों के आधार पर हटाया गया था। उनके पुनर्वास का भरोसा नहीं था लेकिन मुख्यमंत्री ने इन्हें निगम, प्राधिकरण में जगह देकर चौका दिया। ये सिर्फ मुख्यमंत्री की चाहत से ही हुआ है लेकिन इससे मूल भाजपा नेता जरूर निराश हो गए। सिंधिया समर्थकों को खूब उपकृत हो गए हैं। विधानसभा चुनाव हारे इमारती देवी, रघुराज कंसावा, गिरिराज दंडोतिया को उपकृत किया है। राज्यसभा हारे विनोद गोंदिया को भी कुर्सी मिल गई है।
जयपालसिह चावड़ा मूलत: देवास के हंै लेकिन इंदौर की कुर्सी मिल गई है।
संभाग के कोच अब शहर के खिलाड़ी
संभागीय मंत्री रहे जयपालसिह चावड़ा अब प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे। उनको प्राधिकरण की कुर्सी दी गई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि उनके संगठन के पद के आगे ये कुर्सी छोटी है, जहां वे पहले संभाग के विधानसभा टिकिट तय करते थे अब वे सिर्फ शहर के प्राधिकरण के गलियारों में ही रहेंगे । वे संभाग के कोच थे अब सिर्फ शहर के खिलाड़ी रह गए।

दोनों सोनकर बंधु को किया संतुष्ट
सावन सोनकर की नियुक्ति ने युवा नेताओं के साथ-साथ सभी को चौका दिया है लेकिन सांवेर के उपचुनाव का इनाम सोनकर को दिया गया है। राजेश सोनकर को जिला अध्यक्ष बनाकर उन्हें भी उपकृत किया गया है। तुलसी सिलावट के चुनाव में मदद कर जिताने वाले दोनों नेताओं को संतुष्ट कर दिया गया है। सावन की नियुक्ति में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नजदीकी मंत्री विश्वास सारंग की भी भूमिका बताई जा रही है। सावन के विश्वास के विश्वासी सहयोगी रहे हैं।

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