मालवा उत्सव में शामिल होंगे देशभर के कलाकार

पोद्दार प्लाजा से हुई शुरुआत, लालबाग से पहुंचा प्रदेशभर

इंदौर। १९९९ में पोद्दार प्लाजा से प्रारंभ हुआ मालवा उत्सव अब देशभर में अपनी पहचान बना चुका है। इस उत्सव से जुड़े प्रमुख भी अब देश की लोकसभा में शहर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शुरुआती दौर में प्रदेश के कलाकारों के साथ प्रारंभ हुआ यह उत्सव अब देशभर के कलाकारों में अपनी पहचान बना चुका है। पिछले दो वर्षों में कोरोना काल में यह आयोजन नहीं हो पाया था, लेकिन अब फिर २५ दिसंबर से इसकी शुरुआत हो रही है। कभी राजस्थानी, कभी महाराष्ट्रियन, कभी मणिपुर तो कभी उत्तरांचल या हिमाचल की थीम पर यह उत्सव मनाया जाता रहा है। अब इस उत्सव में इस वर्ष कोरोना गाइडलाइन का भी सख्ती से पालन किया जाएगा। कोरोना काल के बाद हो रहे इस आयोजन को लेकर शहरवासियों काफी उत्साह का मौहाल है।

लोक संस्कृति मंच द्वारा लालबाग में मालवा उत्सव का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी इस आयोजन में देशभर के कलाकार अपनी प्रस्तुती देने आ रहे हैं। मालवाउत्सव में देश के साथ साथ विदेशी कलाकार भी यहां आ चुके हैं। सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान और अरब देशों के कलाकार यहां आकर अपनी संस्कृति का परिचय कराते रहे हैं। मालवा उत्सव में देश में उत्तर से लेकर दक्षिण, पूर्व से लेकर पश्चिम तक के कलाकार एवं लोक कलाकार आकर प्रस्तुति देते हैं। हिमाचल प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, मेघालय, मणिपुर, तमिलनाडू, केरल, नागालैंड, मिजोरम, जम्मू-कश्मिर के कलाकार यहां पर अपनी प्रस्तुति देने आ रहे हैं। इस उत्सव में प्रतिवर्ष ३०० से ३५० शिल्पकार अपनी कला लेकर यहां हैं। लोह शिल्प, मिट्टी शिल्प, वास्तु शिल्प, हथकरघा कालिन शिल्प, केन फर्नीचर, पीतल शिल्प, पोचमपल्ली साड़ियां, कोसा सिल्क, भागलपुर सिल्क, माहेश्वरी साड़ियां, कश्मीरी शाल के साथ ही जम्मू-कश्मिर, नागालैंड का ड्राई फ्लावर सहित देश के सभी भागों के शिल्पी यहां मौजूद रहते हैं।

१९९९ से २०२१ तक देश की ख्यातनाम हस्तियों ने की उत्सव में शिरकत
लोक संस्कृति मंच की शुरुआत सांसद शंकर लालवानी ने की थी। इसी मंच के माध्यम से शहर के विभिन्न उत्सवों को देखते हुए मालवा उत्सव कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की गई। इंदौर शहर उत्सव प्रेमी शहर हैं। इसकी शुरुआत में ही जो लोगों का प्रतिसाद मिला इस आयोजन ने इसी कारण से आज इसकी पहचान देशभर में बना ली और इस आयोजन ने भव्य रुप ले लिया। लालबाग में होने वाले इस मालवा उत्सव में सात दिन में शहरभर की पांच से सात लाख जनता पहुंचती है। मालवा उत्सव में राजनीतिक हस्तियों के अलावा अपने हूनरों में माहिर हस्तियां भी इस आयोजन में शामिल होती रही है। प्रदेश ही नहीं देश की कई ख्यातनाम हस्तियां इस आयोजन में आ चुकी है।
कलाकारों की प्रस्तुति के साथ खान-पान का भी उत्सव
यूं तो यह शहर खाने खिलाने को लेकर पूरे देश में प्रसिद्ध है लेकिन इस उत्सव में लोक संस्कृति के साथ-साथ खाने पीने के भी विशेष स्टाल बनाये जाते हैं जहां शहर के प्रमुख व्यंजनों के साथ-साथ प्रदेशभर के व्यंजनों का आनंद यहां मिलता है। खाने पीने के स्टालों पर भी भीड़ उमड़ती नजर आती है।
लालवानी की टीम ने दिया भव्य स्वरुप
जब सांसद लालवानी ने इस आयोजन की शुरुआत की तो चुनिंदा लोग ही उनसे इस आयोजन में जुड़े थे, लेकिन उनके इस भव्य आयोजन के बाद अनेक लोग जुड़ते रहे, लेकिन उनकी कोर कमेटी के सतीष शर्मा, दीपक लंवगड़े, रितेश पाटनी, बंटी गोयल, नीतिन तापड़िया, विशाल गिदवानी, संकल्प वर्मा, पवन शर्मा, दिलिप शारदा, जुगल जोशी, कांता पोखरड़, कपिल जैन, कंचन गिदवानी, रितेश पिपल्या, निवेश शर्मा, सोना कस्तूरी प्रमुख हैं जो शुरुआती दौर से ही आज तक साथ में है। लालवानी की यही टीम इस आयोजन को भव्य स्वरुप प्रदान करती है।
२६ को मुख्यमंत्री भी आयेंगे मालवा उत्सव में- मालवा उत्सव में २६ दिसंबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल होंगे। इस सात दिवसीय आयोजन में हर दिन ख्यातनाम हस्ती शामिल होगी।

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