एशिया के सबसे बड़ेबायोमिथेनाइजेशन प्लांट से जल्द शुरु हो सकता है सीएनजी का उत्पादन

नगर निगम को सालाना मिलेगा २ करोड़ ५२ लाख का प्रीमियम

इंदौर। देवगुराड़िया में स्थापित किये जा रहे एशिया के सबसे बड़े बायोमिथेनाइजेशन प्लांट का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। संभवत: इससे इसी माह सीएनजी उत्पादन शुरु हो जाएगा। बताया जा रहा है कि जल्द ही इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि देवगुराड़िया में ५५० टन की क्षमता वाले मिथेनाइजेशन प्लांट का काम पूर्ण हो चुका है। यहां की दोनों यूनिट में कचरे की फिडिंग भी शुरु हो गई है। इसके चलते दोनों यूनिट्स से एक साथ उत्पादन होगा जिससे निगम के कचरा वाहन सहित इंदौर की सिटी बसें भी चलाई जाएगी। बताया जाता है कि प्लांट में दो डाइजेस्टर टैंक, डीप बंकर तैयार हो गई हैं। इसमे प्लांट में यूके से बायो गैस के टैंक, डेनमार्क से स्लरी मशीन, जर्मनी से मिक्चर एजीटेटर और इटली के डिकेंटर लगाये गये हैं। बताया जाता है कि प्लांट की यूनिट पर गिले कचरे की फिडिंग शुरु हो गई है साथ ही गोबर फिडिंग भी किया जा रहा है।
१७५०० किलो सीएनजी का होगा उत्पादन
बताया जाता है कि देवगुराड़िया में स्थापित इस प्लांट से नगर निगम द्वारा पाँच सौ टन गिले कचरे के माध्यम से १७५०० किलो सीएनजी तैयार करेगा। इससे निगम को सालाना २ करोड़ ५२ लाख रुपए का प्रीमियम आगामी बीस वर्षों तक निरंतर प्राप्त होते रहेगा। यहां उत्पादित सीएनजी कंपनी द्वारा मार्केट रेट से पांच रुपए कम के शुल्क पर निगम को उपलब्ध करायेगी जिसमे एआईसीटीएसएल की बसें संचालित होगी साथ ही उक्त सीएनजी से नगर निगम के वाहन भी संचालित किये जाने की योजना को अंजाम दिया जाएगा।

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