2040 की आबादी के लिए बनेगा इंदौर में पानी का मास्टर प्लान

वॉटर सिक्योंर सीटी अब बनेगी, डीपीआर तैयार करने में खर्च होंगे 55 लाख

इंदौर। शहर की आबादी 2040 में 60 लाख पार कर जाएगी। इसके लिए इंदौर नगर निगम ने पानी के मास्टर प्लान की तैयारी शुरू कर दी है। शहर में जल की अवश्यकता और जल वितरण की व्यवस्था के लिए डीपीआर तैयार करने का काम 55 लाख रूपए में एक कंसलटेंट कंपनी को सौपा गया है। कंसलटेंट कंपनी भविष्य के इंदौर में पानी की आपुर्ति बढ़ाने पर योजना तैयार कर नगर निगम के सामने रखेगी। इस योजना में नर्मदा के पहले दूसरे और तीसरे चरण की जल आपुर्ति व्यवस्था को भी शामिल किया जाएगा।
इन दिनों अफसर और जनप्रतिनिधी इंदौर शहर के नए मास्टर प्लान को तैयार करने के लिए मंथन कर रहे है। 2040 की आबादी के मान से इंदौर शहर के विकास का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, वहीं नगर निगम शहर के लिए आबादी को पानी उपलब्ध कराने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने जुट गया है। पानी का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए नए जल स्त्रोत की तलाश और मौजुदा स्त्रोतों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इंदौर सीमा की पंचायतों में गांव जल स्त्रोत विकसित किए जाएंगे। शहर के बाहरी क्षेत्रों में तीन एसटीपी तैयार करने की योजना बनाई गई है। पानी का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए एक नीजी कंपनी द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। इसके लिए इंदौर नगर निगम कंसलटेंट कंपनी को 55 लाख का भुगतान करेगी। इंदौर में 2021 के मास्टर प्लान के साथ नर्मदा के तृतीय चरण से 540 एमएलडी पानी आपूर्ति की जा रही है। भविष्य में जनसंख्या बढ़ने के साथ पानी की आपूर्ति बढ़ाना निगम के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। इसलिए निगम को मौजूदा 540 एमएलडी पानी की मात्रा बढ़ाना होगी। निगम ने वर्ष 2004 में नर्मदा के तृतीय चरण से 540 एमएलडी पानी की व्यवस्था की गई थी। अब 2040 से 2055 तक पानी आपूर्ति के लिए योजना बनाने पर काम षुरू हो गया है। इसके लिए दो हजार करोड़ के खर्च पर 1200 एमएलडी अतिरिक्त पानी जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
अमृत योजना .02 के तहत शहर में वर्ष 2040 के लिए 60 लाख की आबादी के मान से 1200 एमएलडी अतिरिक्त पानी लाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए भूजल के साथ ट्रीडेड वाटर के इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा और तालाबों का संरक्षण कर जल जल स्त्रोत के रूप में विकसीत किया जाएगा। कंसलटेंट कंपनी को डीपीआर तैयार करने के लिए निगम 55 लाख का भुगतान करेगी।
– प्रतिभा पाल, निगमायुक्त
इस तरह तैयार होगा पानी का मास्टर प्लान
अमृत योजना फैज .02 के तहत होगा काम, तालाबो का सौन्दर्यीकरण, गहरीकरण की योजना, पारंपरिक वॉटर रिसोर्स को सहेजने पर होगा काम, ट्रीटेड वाटर का होगा इस्तेमाल, सीवरेज नेटवर्क करेंगे दुरूस्त, महेश्वर से इंदौर तक नए लाईन इंनटेक बनाएंगे, नर्मदा की डीस्ट्रिब्यूशन लाईन सुधारेंगे, 25 ऑवर हेड टेंक तैयर किए जाएंगे, 3 तालाब को जल स्त्रोत के रूप में विकसित करेंगे, ग्रीन स्पेस सीटी फारेस्ट भी प्रस्तावित करेंगे, भूजल बढ़ाने के लिए ग्रीन फॉरेस्ट तैयार करेंगे।
आंकड़ों की जुबानी नर्मदा का पानी
सभी स्त्रोत मिलाकर 540 एमएलडी पानी की आवक, 40 एमएलडी पानी की आपूर्ति यशवंत सागर से, जलूद से तीनों चरणों को मिलाकर 490 से 500 एमएलडी पानी की आपूर्ति, 100 एमएलडी पानी की लीकेज में बर्बादी, 1 एमएलडी पानी यानी 10 लाख लीटर पानी।

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