शहर में पांच जगह हो गई लूट, पुलिस चौराहों पर चालान बनाने में ही व्यस्त

शाम होते ही पूरा अमला चौराहों पर लग जाता है चालान बनाने में, गश्त होना बंद हो गई

इंदौर। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाना शुरू कर दी है। चौराहों-चौराहों पर पुलिस जवान तैनात कर दिए हैं, जो वाहनों की चेकिंग में जुट गए हैं। पुलिस के अभियान के बीच शहर में कल एक ही दिन में पांच स्थानों पर चेन, मोबाइल लूट की वारदात हो गई। वारदात ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं। शाम होते ही पूरा अमला चौराहों पर चालानी कार्रवाई में लग रहा है। रात्रि गश्त भी अब बंद हो गई है, जिससे चोरी की घटनाएं बढ़ने लगी है। पिछले आठ दिन में शहर में 20 से अधिक चोरी की वारदातें हुई है।
8 दिन पहले सीएम के आदेश शहर में पुलिस कमिश्नरी लागू हो गई है। पहले आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्रा को बनाया गया है। कमिश्नरी लागू करने के पीछे मूल कारण यह बताया जा रहा था कि शहर में अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, कमिश्नरी से अपराधों पर अंकुश लग सकेगा। बगैर संसाधन और बल के पुलिस कमिश्नरी पर काम शुरू कर दिया गया। रोजाना अधिकारी अपने मातहतों को दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं। इसमेें सभी थाना प्रभारियों को शाम 6 से रात 12 बजे तक पुलिस को सड़क पर उतार दिया है। पुलिस कई चौराहों पर खड़ी होकर वाहनों की चेकिंग कर रही है। इसी बीच, कल लसूड़िया थाना क्षेत्र में रिटार्यड जज की बहू, विजयनगर थाना क्षेत्र में क्राइम ब्रांच के थाना प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह भदोरिया के रिश्तेदार व अन्य थानों में लूट की वारदात हुई। सभी स्थानों पर पुलिस बल तैनात था, लेकिन एक भी बदमाश पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। बदमाश आसानी से वारदात को अंजाम देकर भाग निकले। जब फरियादी रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचे तो पुलिस को लूट की जानकारी लगी।

6 लाख के चालान जमा कराए
जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस का अमला आटो रिक्शा वालों पर कहर बनकर टूट पड़ा है। बगैर परमिट और फिटनेस के चलने वाले आटो पर कार्रवाई कर आठ दिन में 6 लाख रुपए के चालान काटे गए। चालान की राशि भी आटो चालकों ने जमा करा दी है।
रेड लाइट के मामले भी
कुछ ऐसे भी वाहन मिले, जिनके खिलाफ 80 से 90 बार रेड लाइट उल्लंघन के मामले हैं। ऐसे 315 आटो एवं 136 मैजिक वाहनों पर दो लाख 25 हजार 500 रुपए शमन शुल्क जमा कराया गया। वहीं, आठ दिन में कुल 759 ई नोटिस जारी कर 3 लाख 79 हजार 500 रुपए, शमन शुल्क जमा कराया गया।

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