दस बरस बाद भी आईडीए नहीं बना पाया नंदबाग-टिगरिया की डेढ़ किमी सड़क

मुख्यमंत्री की घोषणा को भी कर दिया गया नजरअंदाज

इंदौर। टाटा कंसल्टेंट सर्विसेस के लिए जमीन विकसित करने के दौरान इंदौर विकार प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा बाणगंगा की ओर जाने वाली डेढ़ किमी लंबी नंदबाग-टिगरिया सड़क भी बनानी थी। आईडीए ने इस दरमियान सुपर कारीडोर का तो विकास कर दिया लेकिन टीसीएस के पीछे की तरफ नंदबाग होते हुए टिगरिया जाने वाली सड़क को नजरअंदाज कर दिया।

यहां यह प्रासंगिक है कि इस सड़क से बाणगंगा के साथ ही स्कीम नं. ५१, संगमनगर से लेकर कालॉनी नगर रोड़, गांधीनगर तक के लाखों लोक आवाजाही करते हैं। इस सड़क से होते हुए ही अरविंदो हास्पिटल, सांवेर रोड़ स्थित शिक्षण संस्थानों और कारखानों में काम करने वाले हजारों विद्यार्थी और कर्मचारी गुजरते हैं। इसके साथ ही आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों का भी यहीं से आवागमन होता है। दस साल पहले सड़क जैसी थी अब उससे भी जर्जर और जीर्णशीर्ण हो चुकी है। नतीजा यह है कि आये दिन दुर्घटनाएँ भी होती रहती है और इन्हीं तमाम परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए कई लोग मरीमाता की तरफ से घूमकर आना जाना करते हैं। मतलब यह कि उन्हें बेफिजूल ही ढाई किमी का चक्कर लगाना होता है। इस संबंध में क्षेत्रीय रहवासियों द्वारा आईडीए को कई बार आवेदन दिये गये, निवेदन किये गये। अफसरों से गुजारिश भी की, लेकिन सड़क नहीं बन पाई। मजेदार बात तो यह है कि मुख्यमंत्री भी टीसीएस से लेकर नंदबाग तक मार्ग निर्माण की घोषणा कभी की कर चुके है लेकिन वह घोषणा भी आईडीए ने हवा-हवा में ही उड़ा दी।

एक करोड़ की लागत से चौड़ी होगी तुलसी नगर की सकरी पुलिया
महानगर में बांबे हास्पिटल के सामने स्थित महालक्ष्मी नगर का मुख्यमार्ग मास्टर प्लान में सौ फीट चौड़ा है। मौके पर प्राधिकरण ने आधी ही सड़क बनाई और आधी सड़क के टैंडर व भूमिपूजन के बाद काम रुक गया क्योंकि शासन से समय पर तकनीकी मंजूरी नहीं मिल सकी। इसके बाद ठेकेदार फर्म ने समय निकलने पर काम करने से इंकार कर दिया। अब विकास प्राधिकरण इस सड़क को बनाने के लिए नये सिरे से टैंडर जारी करने जा रहा है। इधर निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने तुलसी नगर की सकरी पुलिया को चौड़ा करने के लिए भी टैंडर बुलवा लिये है। एक करोड़ चार लाख रुपए का यह टैंडर इंदौर नगर निगम द्वारा जारी भी कर दिया गया है। अब जल्द ही इस सकरी पुलिया का चौड़ीकरण होगा।

छह माह में पूरा होगा बंगाली ओवरब्रिज का निर्माण कार्य
लंबे समय से लेटलतीफी का शिकार हो रहा बंगाली ओवरब्रिज आने वाले साल में पूर्ण हो जाएगा।सिक्स लेन वाले इस ओवरब्रिज की फाइनल डिजाइन को मंजूरी मिलने में ही समय लगेगा। अदालत, शासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों-विशेषज्ञों के बीच हुए विचार विमर्श की वजह से इस ओवरब्रिज के निर्माण में लंबा समय लगा। अब तीस करोड़ रुपए की लागत वाले इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य एक बार फिर शुरु हो गया है। लोकनिर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे ६२३ मीटर लंबे और २७ मीटर चौड़े इस ब्रिज को बनाने की समय सीमा कभी की समाप्त हो चुकी है। इसे बाद में बार बार बढ़ाया भी गया यहां तक कि पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को लेकर भी मामला लंबे समय तक अटका रहा। अब पुल निर्माण कार्य शुरु हो गया है। ओवल शेप में रोटरी बनाकर बीच के हिस्से को पूरा किया जा रहा है।

इनका कहना है- विकास प्राधिकरण की अभी कोई योजना नहीं चल रही है। इस वजह से नंदबाग-टिगरिया मार्ग का निर्मार्ण नहीं किया जा सका। जैसे ही सुपर कारिडोर क्षेत्र में योजना का काम शुरु होगा। उक्त सड़क भी जल्द ही बना दी जाएगी।
विवेक श्रोत्रिय, सीईओ, विकास प्राधिकरण

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