अब शहर के रैन बसेरों के भी फिरने वाले है दिन

ठंड और शीत लहर से बचाव के लिए किये जाए रहे व्यापक इंतजाम

(आशीष साकल्ले)
इंदौर। लंबे समय से उपेक्षित एवं कोरोना काल में लाकडाउन के चलते कभी वीरान पड़े रहे रैन बसेरे तकरीबन उजाड़ हो चुके हैं, लेकिन पिछले दिनों हुई मावठे की बारिश के बाद ठंड की दस्तक और शीत लहर के चलते यहां एक बार फिर रात्रि विश्राम करने वालों की चहल पहल शुरु हो गई है। इधर निगम अधिकारी भी चौकन्नें हो गये हैं और उन्होंने व्यवस्थाएँ दुरुस्त करने, सुविधा मुहैया कराने के साथ ही सभी रैन बसेरों में इलेक्ट्रिक हीटर लगाये जाने की तैयारियां शुरु कर दी है। कहन का मतलब यह कि अब शहर के सभी रैन बसेरों के भी दिन फिरने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि हर साल ठंड के दस्तक देते ही नगर निगम द्वारा हर साल शहर के प्रमुख चौराहों एवं सार्वजनिक स्थानों पर ना केवल अलाव जलाये जाते हैं बल्कि सड़क किनारे फुटपाथ पर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड परिसर के आसपास रहने वाले घुमक्कड़ यायावर किस्म के लोगों को वहां से हटाकर रैन बसेरों में पहुंचाया जाता है ताकि वे ठंड एवं शीत के प्रकोप से सुरक्षित रहें। गत वर्ष भी नगर निगम और स्थानीय प्रशासन द्वारा ठंड के दिनों में ऐसे करीब डेढ़ सौ से अधिक लोगों और भिक्षुकों को रैन बसेरों में पहुंचाया गया था। लेकिन इस बार निगम प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण को देखते हुए अलाव नहीं जलाये जा रहे हैं। इसके बजाए रैन बसेरों में व्यवस्थाएँ चाक चौबंद की जा रही है ताकि रैन बसेरे में ठहरने वाले किसी भी शख्स को किसी किस्म की कोई भी परेशानी ना हो।

लगाये जाएंगे सभी जगह इलेक्ट्रिक हीटर
निगम सूत्रों के मुताबिक रैन बसेरों में ठहरने के लिए एवं रात्रि विश्राम के लिए आने वाले लोगों को किसी किस्म की परेशानी न हो इसके लिए निगम अधिकारी रजाई गद्दे कम्बल और पानी से लेकर भोजन के प्रबंध में भी जुट गये हैं। यहां यह प्रासंगिक है कि पूर्व में रैन बसेरों में न्यूनतम दरों पर खाना उपलब्ध कराने के लिए एक संस्था को काम सौंपा गया था, लेकिन विभिन्न उलझनों के चलते बाद में यह व्यवस्था भंग हो गई।अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही रैन बसेरों में व्यापक इंतजाम किये जाने और सुविधाएँ जुटाने के लिए एक समीक्षा बैठक आयोजित की जा रही है।

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