उज्जैनी में तेंदुए ने किया बछड़े का शिकार

अब नर और मादा में उलझ गए निगम, वन अधिकारी

इंदौर। एक ओर जहां अभी चिड़ियाघर से फरार हुए तेंदुए का मामला साफ नहीं हो रहा है, दूसरी ओर उज्जैनी में बनी त्रिवेणी के पास तेंदुए द्वारा एक बछड़े का शिकार का मामला सामने आया है। इसी के साथ तेंदुए के पग चिन्ह भी पाए गए हैं। वन विभाग की टीम यहां पहुंची है।
पिछले दो दिनों से नगर निगम और वन विभाग की टीम शहर के बाहरी क्षेत्र में ढोल बजाकर तेंदुए को ढूंढ रही थी, यह तेंदुआ मादा बताई जा रही थी। इधर मंत्री विजय शाह के भी इंदौर चिड़ियाघर पहुंचने के बाद अंतत: वन विभाग और नगर निगम की टीम ने तेंदुए को नवरतन बाग से पकड़ लिया। अब इस तेंदुए के मिलने के बाद यह मामला और विवादास्पद हो गया है। फरार हुए तेंदुए को मादा बताया जा रहा था, जबकि कर्मचारियों ने नर तेंदुआ पकड़ा है। अब यह मामला और ज्यादा पैचिदा हो रहा है। उधर उज्जैनी में तेंदुए के शिकार के बाद बड़ी तादाद में वन विभाग के कर्मचारी यहां तेंदुए को तलाश करने पहुंचे हैं। कल से अपनी पीठ ठोक रहे अधिकारी-कर्मचारी अब चिंतित दिखाई दे रहे हैं। चिंता इस बात की है कि यदि दूसरा तेंदुआ पकड़ा गया और वह चिड़ियाघर से भागा हुआ ही निकला तो अब अगली कहानी क्या होगी? इधर चिड़ियाघर में बंद तेंदुए को आज डॉक्टर पुन: परीक्षण के लिए पहुंचेगे और सही स्थिति बताएंगे।

एक ओर जहां वन विभाग और नगर निगम के अधिकारी आज भी खुद को बचाने के लिए एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उज्जैनी के पास तेंदुए द्वारा एक बछड़े के शिकार का मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम मामले की जांच करने पहुंची है। दूसरी ओर कल नवरत्न बाग में पकड़े गए तेंदुए की कमर टूट चुकी है और उसकी पूंछ भी काम नहीं कर रही है, जबकि चिड़ियाघर से भागे तेंदुए की पूंछ भी सीसीटीवी कैमरे में खड़ी दिखाई दे रही है। इस तेंदुए की पूंछ भी हिल नहीं पा रही है। इससे यह भी संकेत मिल रहे हैं कि तेंदुआ घायल अवस्था में ही उठाया गया है। कुल मिलाकर चिड़ियाघर में बंद तेंदुआ नर तेंदुआ बताया जा रहा है, जबकि पहले नेपानगर से लाया गया तेंदुआ मादा होने के बारे में बताया गया था। कहानी इस कदर उलझ गई है कि अब एक नहीं कई जांच महीनों चलेगी।
करीब छह दिन पहले वन विभाग और चिड़ियाघर की लापरवाही से मादा तेंदुआ पिंजड़ा तोड़कर लापता हो हो गई थी। कर्मचारियों की काफी मशक्कत के बाद तेंदुआ को ढूंढ कर निकाल लिया गया। इसके बाद जू और वन विभाग के अमले ने राहत की सांस ली। तेंदुए के गायब होने को लेकर निगम ने गंभीर लापरवाही मानते हुए जांच की बात कही है। चार साल पहले चिड़ियाघर से बाघ पिंजरे से निकल गई थी, उस मामले की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आ सकी। इससे दोषी साफ बचकर निकल गए तो तेंदुए की रिपोर्ट कब आएगी, यह कहना मुश्किल है।
तेंदुए के गायब होने के बाद उसे ढंूढने जू और वन विभाग की टीम लगातार काम कर रही थी। जू के आसपास के कैमरों को खंगाला गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। तेंदुआ को लेकर वनमंत्री ने भी नाराजगी जताई थी। तेंदुआ मिलने के बाद प्रभारी आयुक्त भाव्या मित्तल ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए जांच कराने के आदेश जारी किए हैं, ताकि मामला शांत हो जाए। वर्ष 2017 में चिड़ियाघर से बाघ गायब हो गई थी। बाघ को ढूंढने में जू प्रबंधन को पसीने आ गए थे। बड़ी मुश्किल से बाघ चिड़ियाघर में ही मिल गई थी। उस समय तत्कालीन निगमायुक्त मनीषसिंह ने दोषियों पर कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट गठित की थी। आज तक कमेटी की रिपोर्ट ही नहीं बन पाई। जांच अधिकारी अपर आयुक्त रोहन सक्सेना को बनाया गया था। जांच के दौरान अपर आयुक्त का स्थानांतरण बुरहानपुर जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर हो गया। यहां से अपर आयुक्त वापस इंदौर में जिला पंचायत सीईओ बनकर आ गए और वर्तमान में रोहन सक्सेना एकेवीएन में एमडी हैं। इधर आज सुबह उज्जैनी में तेंदुए द्वारा एक बछड़े के शिकार किए जाने के बाद वन विभाग की टीम यहां पहुंच रही है। संभवत: चिड़ियाघर से फरार तेंदुआ भी यह शिकार कर सकता है। दूसरी ओर कल मिले तेंदुए की कमर लठ की मार से टूट चुकी है। इसके अलावा उसकी पूंछ भी हिल नहीं रही है, जबकि पूर्व में लाए गए तेंदुए की पूंछ अच्छी-खासी स्थिति में हिल रही थी। अब यह मामला जांच में केवल उलझ जाएगा। नर और मादा तेंदुए के विवाद में अभी दोनों विभागों में कई दिनों तक सिद्द करने की प्रक्रिया भी चलती रहेगी।

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